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May 14, 2025 1:06 pm

जिला बदर आदेश तोड़ने पर जाकिर को 6 महीने की सजा – सीतामऊ कोर्ट का सख्त फैसला

सीतामऊ/मंदसौर, 9 अप्रैल 2025 – “कानून की नजर से कोई बच नहीं सकता” – मंदसौर जिले की सीतामऊ कोर्ट ने इस बात को सच साबित किया है। जिले से दोष सिद्ध हुए आरोपी जाकिर पिता बाबू खां (उम्र 46 वर्ष, निवासी ग्राम घसोई, थाना सुवासरा) को जिला बदर आदेश का उल्लंघन करने पर 6-6 माह की सश्रम सजा और ₹1000-₹1000 का जुर्माना सुनाया गया है।

फैसला माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रीमती प्रियंका सुमन साकेत ने सुनाया, जिन्होंने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत ठोस साक्ष्यों और तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया।


क्या है पूरा मामला?

ये घटना दिसंबर 2017 की है। थाना सुवासरा में पदस्थ उपनिरीक्षक महेश गिरोटिया को दोपहर के समय एक मुखबिर से सूचना मिली कि जाकिर, जिसे कुछ महीने पहले जिले से बाहर करने (डिस्ट्रिक्ट बदर) का आदेश जारी हुआ था, चोरी-छिपे गांव लौटा है और आज अपने घर आने वाला है।

पुलिस टीम हरकत में आई। जाकिर की तलाश उसके घर से लेकर जैन मंदिर रोड तक हुई। आखिरकार जब वह पुलिस को देख भागने लगा, तो उसे घेराबंदी करके पकड़ा गया।

जब उससे पूछा गया कि क्या उसके पास जिला दंडाधिकारी की कोई अनुमति है, तो उसका जवाब “नहीं” था।

दरअसल, 01 अप्रैल 2017 को मंदसौर जिला दंडाधिकारी द्वारा जाकिर को एक वर्ष के लिए मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन और शाजापुर जिलों की सीमा से बाहर रहने का आदेश दिया गया था, जो 7 अप्रैल 2017 को उसे विधिवत तामील भी कराया गया था। लेकिन इसके बावजूद उसने नियमों की अनदेखी करते हुए आदेश का उल्लंघन किया।


कानून की जीत – न्यायालय का सख्त रुख

पुलिस की मुस्तैदी, मुखबिर की सूचना और जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए ये सजा सुनाई।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री एस.आर. गरवाल ने मजबूत पैरवी की और कानून की गरिमा को बनाए रखा।


हम क्यों भूल जाते हैं कि कानून सबके लिए बराबर है?

जिला बदर जैसे आदेश आमतौर पर समाज की सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं, ताकि अपराधी तत्वों को दूर रखा जा सके। लेकिन जब कोई व्यक्ति इन आदेशों की परवाह नहीं करता, तो वह न सिर्फ खुद मुसीबत में फंसता है, बल्कि समाज की शांति को भी खतरे में डालता है।

इस फैसले ने यह संदेश साफ कर दिया है – “कानून से खेलोगे, तो सजा भुगतनी पड़ेगी।”


📌 प्रमुख तथ्य:

  • आरोपी: जाकिर पिता बाबू खां, निवासी ग्राम घसोई
  • अपराध: जिला बदर आदेश का उल्लंघन
  • सजा: 6-6 माह सश्रम कारावास + ₹1000-₹1000 जुर्माना
  • निर्णय: न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रीमती प्रियंका सुमन साकेत
  • अभियोजन अधिकारी: श्री एस.आर. गरवाल (एडीपीओ)

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