📅 तारीख: 12 अप्रैल 2025
📍 स्थान: गुना, मध्य प्रदेश

source dainik bhaskar
🕉️ हनुमान जयंती जुलूस पर पथराव कर फैलाना चाही दहशत
मध्य प्रदेश के गुना जिले में हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर निकाला गया धार्मिक जुलूस अचानक हिंसा की चपेट में आ गया। यह वारदात कोतवाली थाना क्षेत्र में तब हुई जब शिवाजी नगर से शुरू होकर माता मंदिर से निकला जुलूस शाम करीब 7:45 बजे मदिना मस्जिद क्षेत्र के पास पहुंचा। हर साल की तरह यह एक पारंपरिक जुलूस था, लेकिन इस बार यह शांति से ज्यादा साजिश का शिकार हो गया।


🎧 डीजे की धुन बनी टकराव की वजह, तनाव में बदला माहौल
FIR के अनुसार, जुलूस जब डीजे की आवाज़ के साथ आगे बढ़ रहा था, उसी दौरान विक्की खान अपने 2-3 साथियों के साथ आया और डीजे को बंद करने की ज़ोरदार मांग करने लगा। उसके कथित गाली-गलौज और धमकियों के कारण स्थिति बिगड़ गई।
फरियादी ओमप्रकाश कुशवाह, निवासी शिवाजी नगर कोल्हूपुरा, ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने शांति बनाए रखने की कोशिश की, तभी विक्की और उसके साथियों ने विवाद को और उकसाया।

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🪨 मस्जिद की छतों से पथराव, फिर सड़क पर चली गोली
कुछ ही पलों में हालात बेकाबू हो गए। FIR के अनुसार, विक्की के घर की छत, मस्जिद की छतों और पास की गलियों से भारी पथराव शुरू हो गया। भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे।
इसी दौरान विक्की का बेटा आमीन खान, जो थार गाड़ी चला रहा था, ने गाड़ी रोकी और गाड़ी में बैठे रजत पर पिस्टल से गोली चलाई, जो ओमप्रकाश के हाथ में लगी। इसके बाद गुड्डू खान ने रजत पर लुहांगी से हमला किया, जिससे उसे गंभीर चोट आई।
🪓 लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हुआ हमला
FIR में यह भी दर्ज है कि गुड्डू खान, तौफीक खान, विष्वी और उसके बेटे तथा 15-20 अज्ञात लोगों ने एक साथ मिलकर लाठी, डंडे, पत्थर और लुहांगी से हमला किया। इस हमले में राजकिशोर, बंटी कुशवाह, अभिषेक धाकड़, विशाल अनोटिया, अनुल अनोटिया, अभिषेक कुशवाह, सुग्रीव सेन, अकुल कुशवाह, पवन कुशवाह समेत कई लोगों को चोटें आईं। हमलावरों ने गाड़ी में भी तोड़फोड़ की।
😡 जातिसूचक गालियाँ और धमकियाँ – मानसिक उत्पीड़न भी दर्ज
फरियादी के अनुसार, हमला केवल शारीरिक नहीं था, बल्कि गंभीर मानसिक और सामाजिक अपमान भी किया गया। FIR में लिखा है कि हमलावरों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा —
“तुम्हारी औकात नहीं है इस इलाके में जुलूस निकालने की। अगर दोबारा ऐसा हुआ तो तुम्हारा नामोनिशान मिटा देंगे।”
यह बयान सिर्फ एक धमकी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को भयभीत करने का एक सुनियोजित प्रयास प्रतीत होता है।




⚖️ FIR में दर्ज गंभीर धाराएं
गुना पुलिस ने FIR दर्ज कर निम्नलिखित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है:
- धारा 109 – आपराधिक षड्यंत्र
- धारा 296 – धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना
- धारा 324(4) – खतरनाक हथियार से हमला
- धारा 125 – धमकी देना
- धारा 191(2), 191(3) – जातिसूचक अपमान
- धारा 190 – सार्वजनिक भय फैलाना
- धारा 115(2) – हत्या का प्रयास
👮♂️ पुलिस की त्वरित कार्यवाही: जांच शुरू, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे
कोतवाली थाना प्रभारी ने सब-इंस्पेक्टर ब्रजमोहन सिंह भदौरिया को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाने, CCTV फुटेज खंगालने और चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज करने का कार्य शुरू कर दिया है।
🏥 घायल ओमप्रकाश की स्थिति स्थिर, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
घायल ओमप्रकाश को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत स्थिर बताई गई है। इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और फ्लैग मार्च भी निकाला गया।
🤝 सामाजिक संगठनों और नेताओं की अपील – शांति बनाए रखें
स्थानीय विधायक, समाजसेवियों और नगर निगम पदाधिकारियों ने घटना की निंदा करते हुए जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उनका कहना है:
“गुना की गंगा-जमुनी तहज़ीब को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। जो भी दोषी हैं, उन्हें कड़ी सज़ा दी जाएगी।“
📱 सोशल मीडिया पर गूंजता मामला, जनता कर रही न्याय की मांग
यह मामला सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग #JusticeForOmprakash और #गुना_हिंसा जैसे हैशटैग्स के जरिए प्रशासन से निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रमुख ट्रेंडिंग हैशटैग्स:
- #गुना_हिंसा
- #हनुमान_जयंती_जुलूस
- #जातीय_अपमान
- #गुना_FIR
- #JusticeForOmprakash
🧠 क्या यह केवल डीजे विवाद था या कोई सुनियोजित हमला?
यह सवाल अब पूरे समाज के सामने है। क्या यह वाकई में केवल डीजे की आवाज़ का मुद्दा था या फिर एक सोची-समझी साजिश? FIR और घटनास्थल के विवरण से स्पष्ट होता है कि यह मामला पूर्व नियोजित था।
छतों से पथराव, हथियारबंद हमला, जातीय अपमान, और गोलियां चलना — यह सब केवल एक संयोग नहीं हो सकता।
📌 निष्कर्ष: क्या धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक ताना-बाना खतरे में है?
यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक समरसता और धार्मिक सह-अस्तित्व पर सीधी चोट है।
प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि वह पूरी निष्पक्षता से कार्यवाही करे और दोषियों को सज़ा दिलाकर समाज में यह संदेश दे कि —
🕊️ “नफ़रत की कोई जगह नहीं, इंसानियत सबसे ऊपर है।”
