नई दिल्ली, 19 मई 2025:
भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनकी माफी को नामंजूर करते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है, हालांकि उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान: सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। लेकिन जस्टिस सूर्यकांत ने तल्ख लहजे में कहा:

“कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है, तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। जिस तरह के भद्दे कमेंट उन्होंने बिना सोचे-समझे किए, अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं?”
SIT में तीन IPS अफसर, एक महिला अधिकारी अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 20 मई की रात 10 बजे तक SIT का गठन किया जाए। टीम में तीन IPS अधिकारी होंगे, जिनमें एक महिला और एक IG रैंक का अधिकारी अनिवार्य होंगे। तीनों अफसर मध्य प्रदेश कैडर के बाहर के होंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक जांच जारी है, शाह की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी लेकिन उन्हें जांच में पूरा सहयोग देना होगा।
SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है।
मंत्री विजय शाह के बयान ने मचाया बवाल
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर जिले के महू क्षेत्र के रायकुंडा गांव में आयोजित कार्यक्रम में बयान दिया था, जो बाद में विवाद का विषय बन गया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा… देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।”
शाह ने अप्रत्यक्ष रूप से सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकियों की बहन’ कहकर संबोधित किया था। इस बयान की व्यापक आलोचना हुई।
हाईकोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान, एफआईआर में ‘घोर छल-कपट’ पाया
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को स्वतः संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने FIR की भाषा और निष्कर्षों को ‘कमजोर और पक्षपाती’ करार दिया।
“एफआईआर में भौतिक विवरण की कमी है, जिससे स्पष्ट होता है कि मंत्री को बचाने की कोशिश की गई,” — हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – पब्लिक फिगर को अपने शब्दों का ध्यान रखना चाहिए
जस्टिस सूर्यकांत ने मंत्री शाह को फटकारते हुए कहा:
“आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।”
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि अगर कैबिनेट बैठक में विजय शाह शामिल होते हैं, तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी।
पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“यह वही भाजपा है जो ‘बेटी बचाओ’ का नारा देती है, लेकिन जब एक महिला अफसर के सम्मान पर हमला होता है, तब कार्रवाई नहीं होती।”
मुजफ्फरपुर कोर्ट में भी केस दर्ज
बिहार के मुजफ्फरपुर की अदालत में भी विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद मोजाहिद ताहिर उर्फ एम. राजू नैय्यर ने मंत्री के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसकी अगली सुनवाई 26 मई को होगी।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी की निंदा
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मध्यप्रदेश के एक अन्य मंत्री जगदीश देवड़ा के विवादित बयान की आलोचना करते हुए कहा:
“देश की सेवा से बड़ा कुछ नहीं है। अगर कोई नेता सेना का अपमान करता है, तो उसे जीवन भर के लिए पार्टी से बाहर कर देना चाहिए।”
पहले भी विवादों में रहे हैं मंत्री विजय शाह
यह पहला मौका नहीं है जब मंत्री विजय शाह विवादों में रहे हों। पूर्व में भी उनके बयानों और कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं।
निष्कर्ष: सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती, न्यायिक प्रक्रिया के प्रति उम्मीद
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारत की न्यायपालिका की निष्पक्षता और गरिमा को दर्शाता है। अदालत का सख्त रुख इस ओर इशारा करता है कि संविधानिक पदों पर बैठे लोगों को शब्दों की मर्यादा और जिम्मेदारी का बोध होना चाहिए।
