शामगढ़ (कैलाश विश्वकर्मा ) माता-पिता की दुनिया उस वक्त उजड़ जाती है, जब उनकी बेटी अचानक लापता हो जाती है। ग्राम चंदवासा से 17 साल की रानू (परिवर्तित नाम) के गायब होने के बाद उसके परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन, ऑपरेशन मुस्कान के तहत शामगढ़ पुलिस ने महज़ 72 घंटे के भीतर उसे दिल्ली से सुरक्षित दस्तयाब कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। रानू हुई लापता, परिवार हुआ बेहाल 31 मार्च 2025 की शाम, रानू ने अपनी सहेली के घर जाने की बात कही, लेकिन जब वह रात तक नहीं लौटी, तो घरवालों की चिंता बढ़ गई। परिजनों ने थाना शामगढ़ में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने अपराध क्रमांक 107/25 धारा 137(2) BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस की सूझबूझ और फुर्ती से मिली सफलता रानू की तलाश के लिए पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमलता कुरील और SDOP पुलिस सीतामऊ दिनेश प्रजापति के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे के नेतृत्व में उनि विकास गेहलोत और उनकी टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।


👉 कैसे हुई तलाश?
✅ पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और विशेष मुखबिर तंत्र की मदद से रानू के ठिकाने का पता लगाया।
✅ कई संभावित स्थानों पर दबिश दी गई और आखिरकार दिल्ली में उसका सुराग मिला।
✅ 3 अप्रैल 2025 को रानू को सुरक्षित दस्तयाब कर लिया गया और तुरंत परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस टीम का शानदार काम इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में इन जांबाज पुलिसकर्मियों का अहम योगदान रहा:
👮♂️ निरीक्षक: धर्मेंद्र शिवहरे 👮♂️ उनि विकास गेहलोत (चौकी प्रभारी चंदवासा) 👮♂️ प्रआर 168 जुगल रावत, प्रआर 49 धनपाल जाट, आर 547 अनिल गुर्जर, आर 327 मनीष सांवलिया, आर 130 प्रहलाद गरासिया, आर 858 कृष्णा सिंह सिकरवार, आर 690 विपिन नैन 👮♀️ महिला आरक्षक: म. आर. 181 ऋतु सोनी, म.आर. 892 अंजली, म.आर. 566 रेखा ऑपरेशन मुस्कान: जब पुलिस बनी उम्मीद की किरण रानू के परिजनों की आँखों में आंसू थे, लेकिन इस बार ये आंसू खुशी और राहत के थे। ऑपरेशन मुस्कान के तहत मंदसौर पुलिस का यह अभियान एक बार फिर साबित करता है कि जब हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। 💙 शामगढ़ पुलिस की इस सराहनीय कार्यवाही के लिए टीम को सलाम! 🙌✨ 📢 ऐसी ही प्रेरणादायक खबरों के लिए जुड़े रहें! 🚔
