KAILASH VISHWAKARMA 31 MARCH मध्यप्रदेश सरकार अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नियमों को और कड़ा करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार नगरपालिका अधिनियम में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित कानून में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर 10 साल की सजा और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की है कि यह नया कानून एक महीने में प्रभावी हो जाएगा।


क्यों आ रही है कानून में सख्ती?
मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए पहले भी कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन उनकी प्रभावी निगरानी नहीं हो सकी।
- शिवराज सरकार का निर्णय: 2016 से पहले की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। चुनाव से पहले इसे 2022 तक की कॉलोनियों तक बढ़ाया गया था।

- मोहन सरकार का नया दृष्टिकोण: वर्तमान सरकार ने जब सर्वेक्षण किया तो पाया कि अवैध कॉलोनियों की संख्या 7981 तक पहुंच चुकी है, जो 6077 की तुलना में काफी अधिक है।
- भोपाल में बढ़ती अवैध कॉलोनियां: 2022 में हुई गणना के अनुसार 576 अवैध कॉलोनियां थीं, लेकिन 2024 में यह संख्या 300 और बढ़ गई।
- मंदसौर जिले में अवैध कॉलोनियों की समस्या: मंदसौर जिले में भी कई अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं, जिनमें मंदसौर, सीतामऊ, गरोठ, शामगढ़, भानपुरा और गांधी सागर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यहां भूमि स्वामियों द्वारा बिना नियमों का पालन किए और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के मापदंडों की अनदेखी करते हुए अवैध कॉलोनियां विकसित की गई हैं। यदि इस नए कानून को लागू किया जाता है, तो इन सभी अवैध कॉलोनियों पर सरकार की सख्त कार्रवाई हो सकती है।

प्रस्तावित संशोधन और उसके प्रभाव
1. अवैध कॉलोनाइजर के लिए सख्त सजा
- कॉलोनाइजर को 10 साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
- बिना अनुमति कॉलोनी बनाने पर 7 से 10 साल की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।
- अवैध कॉलोनी को हटाने का खर्च कॉलोनाइजर से वसूला जाएगा।
2. नगर निगम-पालिका अधिकारियों की जिम्मेदारी
- अवैध निर्माण रोकने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को 3 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना।
- वार्ड पार्षद अवैध कॉलोनी की जानकारी कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को लिखित में दे सकते हैं।
- पुलिस को 90 दिनों के भीतर अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी होगी।
क्या बोले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान?
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कहते सुने गए थे कि “अवैध कॉलोनी को वैध करने का निर्णय ही अवैध है।” उन्होंने अपने कार्यकाल में 2022 तक बनी सभी कॉलोनियों को वैध करने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जो लोग अपनी जिंदगीभर की पूंजी लगाकर मकान बना चुके हैं, उन्हें अवैध बताना अन्यायपूर्ण है। लेकिन अब नई सरकार ने इस फैसले को बदलते हुए 2016 तक की कॉलोनियों को ही वैध करने की योजना बनाई है।
कैसे प्रभावित होंगे आम लोग?
- 2016 से पहले बनी कॉलोनियों को वैध करने पर विचार हो रहा है, जिससे 2000 से अधिक कॉलोनियों के निवासी प्रभावित हो सकते हैं।
- नई अवैध कॉलोनियों पर सरकार सख्ती बरतेगी, जिससे लोगों को वैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों को सक्रिय भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
विशेषज्ञों की राय
क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज सिंह का कहना है कि अवैध कॉलोनियों का बढ़ना पूरे देश की समस्या है। लोगों को सस्ती जमीन की आवश्यकता होती है, लेकिन कॉलोनाइजर नियमों की अनदेखी कर कॉलोनियों को अवैध रूप से विकसित करते हैं। सरकार को वैध कॉलोनियों के नियमों को सरल बनाना चाहिए ताकि लोग अवैध कॉलोनियों की ओर आकर्षित न हों।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार अवैध कॉलोनियों पर सख्त कानून लागू करने जा रही है, जिससे राज्य में अवैध निर्माण पर रोक लग सके। यह कदम अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा और भविष्य में नियोजित शहरीकरण को प्रोत्साहित करेगा।
