मंदसौर: भाजपा नेता मनोहर धाकड़ को वायरल वीडियो मामले में गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही जमानत, कर्मचारियों की बर्खास्तगी से मचा हड़कंप

मंदसौर, मध्य प्रदेश: दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस वे पर भाजपा नेता मनोहर धाकड़ का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच रविवार को गिरफ्तार किए गए धाकड़ को सोमवार शाम गरोठ उपजेल से रिहा कर दिया गया। जमानती धाराओं में गिरफ्तारी के कारण उन्हें एक ही दिन में जमानत मिल गई।

इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब वीडियो वायरल करने में संलिप्त पाए गए तीन निजी कर्मचारियों को कंपनी द्वारा बर्खास्त कर दिया गया। यह वीडियो एनएचएआई के हाई सिक्योरिटी कैमरे में कैद हुआ था।

क्या है वायरल वीडियो का पूरा मामला?
13 मई की रात का एक वीडियो सामने आया, जिसमें भाजपा नेता मनोहर धाकड़ एक महिला मित्र के साथ कार में आपत्तिजनक हालत में दिखे। यह वीडियो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर नीमथुर पॉइंट के पास लगे कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था।
इसके बाद दूसरा वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें धाकड़ और महिला मित्र कार के पास डांस करते नजर आए।
23 मई को एफआईआर, 25 मई को सरेंडर और गिरफ्तारी
23 मई को भानपुरा थाने में भाजपा नेता मनोहर धाकड़ और एक अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
25 मई को उन्होंने खुद भानपुरा थाने में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। अदालत के आदेश पर उन्हें गरोठ उपजेल भेजा गया, जहां से 24 घंटे के भीतर जमानत पर रिहा कर दिया गया।
वीडियो वायरल करने वाले कर्मचारी बर्खास्त
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप पाटीदार ने बताया कि वीडियो वायरल करने के मामले में एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
इन पर लापरवाही और गोपनीयता उल्लंघन के आरोप लगे हैं। जांच में सामने आया कि ये तीनों कर्मचारी 13 मई की रात ड्यूटी पर थे, और इन्हीं के जरिए वीडियो मोबाइल से एलईडी स्क्रीन के माध्यम से रिकॉर्ड कर वायरल किया गया।
ब्लैकमेलिंग का आरोप: भाजपा नेता ने बताई पैसे की मांग
पूछताछ में मनोहर धाकड़ ने पुलिस को बताया कि वीडियो रिकॉर्ड करने वाले कर्मचारियों ने 1 लाख रुपये की मांग की थी। उनके पास उस समय 20 हजार रुपये नकद थे, जो उन्होंने दे दिए। लेकिन बाकी 80 हजार नहीं देने पर वीडियो वायरल कर दिया गया।
पुलिस को मिले ऑडियो और वीडियो फुटेज के आधार पर इन कर्मचारियों की आवाजों से पहचान कर कार्रवाई की गई।
पुलिस का NHAI को नोटिस, विस्तृत जांच जारी
मामले में पुलिस ने NHAI को नोटिस भेजा है और वीडियो से जुड़े कर्मचारियों की पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि वीडियो सार्वजनिक करने के पीछे असली मकसद क्या था और कहीं इसमें कोई राजनीतिक या व्यक्तिगत रंजिश तो नहीं थी।
एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि आरोपी मनोहर धाकड़ को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया था। अभी जांच जारी है, और आने वाले समय में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी को नकाब क्यों पहनाया गया?
जब मनोहर धाकड़ को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा था, तब पुलिस ने उन्हें चेहरे पर नकाब पहनाया। इस पर सवाल उठे कि जब वीडियो सार्वजनिक हो चुका है और पहचान स्पष्ट है, तब नकाब पहनाने की जरूरत क्यों पड़ी? आमतौर पर शिनाख्त परेड के लिए या आरोपी की पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया जाता है, लेकिन इस मामले में ये कदम संदेह पैदा करता है।
भाजपा नेता की कार जब्त, पत्नी हैं जिला पंचायत सदस्य
23 मई को पुलिस ने मनोहर धाकड़ के गांव बनी में दबिश दी थी। वहां से वीडियो में दिख रही सफेद बलेनो कार (MP14CC4782) जप्त की गई।
गौरतलब है कि मनोहर धाकड़ की पत्नी सरपंच और वार्ड क्रमांक 8 से जिला पंचायत सदस्य हैं। इस वजह से यह मामला राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील बन गया है।
निष्कर्ष
भाजपा नेता मनोहर धाकड़ वायरल वीडियो मामला केवल एक व्यक्ति की व्यक्तिगत गरिमा से जुड़ा मामला नहीं रह गया है, बल्कि इसमें प्रशासनिक लापरवाही, गोपनीयता का उल्लंघन और राजनीतिक प्रभाव जैसे गंभीर पहलू जुड़े हुए हैं। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी निष्पक्षता और पारदर्शिता से कार्रवाई करते हैं। (source dainik bhaskar)
