मंदसौर (शामगढ़), 27 अप्रैल 2025 | रिपोर्ट: कैलाश विश्वकर्मा
शामगढ़ की सड़कों पर दिनदहाड़े बेखौफ उचक्कों ने दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया। सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रही महिला के गले से सोने की चेन उड़ाकर तीन महिलाएं फरार हो गईं — और यह सब हुआ पुलिस थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर!

यह घटना किसी फिल्मी सीन जैसी लग सकती है, लेकिन पीड़ित महिला के लिए यह जिंदगी भर का सदमा बन गई। नेहा राठौर, जो रोज़मर्रा की तरह सब्जी लेने मंडी गई थीं, आज चोरों की साजिश का शिकार बन गईं।

दुपट्टे की आड़ में चालाकी से उड़ाई गई चेन
नेहा ने पुलिस को बताया कि शाम करीब 5:40 बजे वह मंडी में सब्ज़ी खरीद रही थीं। तभी तीन संदिग्ध महिलाएं उनके पीछे आकर खड़ी हो गईं। इससे पहले कि नेहा कुछ समझ पातीं, एक महिला ने चतुराई से अपना दुपट्टा उनके कंधे और गले पर डाल दिया। विरोध करने पर महिलाएं वहां से हट गईं, लेकिन कुछ ही देर बाद नेहा की जेठानी ने देखा कि उनकी करीब 20 ग्राम वजनी सोने की चेन (अनुमानित कीमत ₹2 लाख) गायब थी।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई ब्रेजा कार और गिरोह की पहचान…. सूत्र
सूत्रों के अनुसार, शामगढ़ पुलिस ने मंडी और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की है। फुटेज में एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार में सवार कुछ महिलाएं मंडी क्षेत्र में घुसते और फिर कुछ ही मिनटों में तेजी से निकलते हुए देखी गईं। पुलिस को शक है कि यह कोई घूमंतू चेन स्नेचिंग गैंग है, जो एक इलाके को निशाना बनाकर फरार हो जाता है।
महिलाएं दहशत में, बाजार में भय का माहौल
यह वारदात एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या अब बाजारों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं रहीं? स्थानीय महिलाओं ने बताया कि इस तरह की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं, लेकिन प्रशासन का रवैया ढीला है।
घटना स्थल थाना शामगढ़ से मात्र 100 मीटर दूर है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है — जब पुलिस के इतने करीब यह वारदात हो सकती है, तो बाकी शहर कितना सुरक्षित है?
कुछ दिन पूर्व भी हुई थी चेन स्नेचिंग की घटना
आपको बता दे की कुछ दिन पूर्व शामगढ़ कन्यशाला रोड पर भी एक मंदिर जाने वाली महिला से चेन स्नेचिंग हुई थी जिसका पता शामगढ़ पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे देखकर लगाया गया था उसके बाद यह शामगढ़ में दूसरी चेन स्नेचिंग की घटना है
नेहा राठौर की पीड़ा, एक आम महिला का दर्द
“मैं तो बस सब्जी लेने गई थी… मुझे क्या पता था कि मेरी चेन भी चली जाएगी और विश्वास भी।”
नेहा की यह बात हर उस महिला की आवाज़ बनती दिख रही है, जो दिन में बाजार जाती है, घर संभालती है और अब चोरों के निशाने पर भी है।
चेतावनी या इत्तेफाक?
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि चोरों का अब न दिन का डर है, न थाने की परवाह। सवाल यह नहीं कि यह गिरोह कब तक पकड़ा जाएगा… सवाल यह है कि अगला निशाना कौन होगा?
