
मंदसौर | 13/02/2025 kailash vishwakarma महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक तेज रफ्तार बस गुरुवार सुबह दिल्ली-मुंबई हाईवे पर खड़े ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भयावह था कि मौके पर ही पति-पत्नी समेत तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों को कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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सड़क पर खड़ी मौत: गहरी नींद में थे यात्री
हादसा कोटा के सिमलिया इलाके में कराड़िया के पास हुआ, जब बस में सवार यात्री गहरी नींद में थे। सुबह करीब 6:30 बजे, एक खड़े ट्रक से बस टकरा गई। चीख-पुकार मच गई, और जब यात्रियों ने खुद को संभाला, तो सामने भयावह मंजर था—बस की केबिन चकनाचूर हो चुकी थी, और कुछ लोग बुरी तरह फंसे हुए थे।
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कौन थे मृतक?
हादसे में कैलाशी बाई (54), किशोरी लाल (60) और अशोक (35) की मौके पर ही मौत हो गई। कैलाशी और किशोरी लाल पति-पत्नी थे, जो संजिद नाका, पटेल कॉलोनी (मंदसौर) के रहने वाले थे। अशोक, जो पेशे से हलवाई थे, नृसिंहपुरा, रामदेव मंदिर के पास, मंदसौर के निवासी थे।

ड्राइवर मौके से फरार, यात्री मंदिर में ठहराए गए
हादसे के बाद बस ड्राइवर मौके से फरार हो गया। यात्रियों को तुरंत नाड़ा के हनुमान मंदिर परिसर में ठहराया गया और उनके लिए दूसरी बस की व्यवस्था की जा रही है।
एक यात्री की जुबानी—कैसे बची कई जानें?
रतलाम की रहने वाली सिद्धि पंवार ने बताया, “हम सब गहरी नींद में थे। अचानक तेज झटका लगा और चीखें गूंज उठीं। हम घबराए हुए थे, किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ। इमरजेंसी गेट से किसी तरह बाहर निकले और अपना सामान निकालने लगे।”
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यात्रा की शुरुआत और हादसे से पहले के पल
7 फरवरी को यह बस सिद्धि विनायक यात्रा टूर के तहत मंदसौर से निकली थी, जिसमें 56 यात्री सवार थे। यह श्रद्धालु महाकुंभ (प्रयागराज) से स्नान कर लौट रहे थे। बुधवार रात 11 बजे आगरा पार करने के बाद वे अलग-अलग जगहों पर रुकते हुए आ रहे थे। सुबह 5 बजे कुछ यात्री टॉयलेट ब्रेक के लिए उतरे और फिर बस रवाना हुई। लेकिन किसी को नहीं पता था कि कुछ ही देर में एक भयानक हादसा होने वाला है।
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रक ड्राइवरों की लापरवाही पर सवाल खड़ा करता है। क्या इन हादसों को रोका नहीं जा सकता? क्या यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
