मंदसौर (बंशीदास बैरागी मोबाइल नंबर 7987236086) जिले मे खेतो मे नरवाई जलाने का आदेश औपचारिक के तोर पर हो रहा पालन नरवाई को लेकर फिर आदेश की औपचारिकता निभाई जा रही है। कार्रवाई का अभाव यहां नजर आ रहा है। चैत्र का महीना चल रहा है और गेहूं की कटाई भी शुरू हो गई है। जमीन को सबसे अधिक नुकसान फसल अवशेष जलाने से होता है। आग चपेट में आने से अन्य किसान के फसल भी बर्बाद हो जाते हैं। इससे निपटने के लिए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। गेहूं का डंठल जलाने वाले किसानों पर सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है।


वहीं कार्रवाई की चेतावनी भी प्रशासन ने जारी की है। हालांकि इसके बाद भी खेतों में नरवाई जलाई जा रही है। खेतों में नरवाई जलाने वाले किसानों से जिला प्रशासन जुमार्ना वसूल करेगा। इसके लिए कलेक्टर में पूरे जिले में इस पर पाबंदी लगा रखी है, फिर भी किसान नियमों को ताक पर रख अपने खेतों में रात्रि का समय का फायदा उठाकर पराली जला रहे हैं। प्रदूषण रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर से सख्ती बरती जा रही है। किसान गेहूं के डंठल न जलाए। इसके लिए कृषि विभाग जागरूक भी कर रहा है। जिला कृषि वैज्ञानिक के अनुसार प्रदूषण रोकने के लिए ही प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही। इसके लिए पूरे जिले में इस पर प्रतिबंध लगाया है। किसान अभी गेहूं की फसल को काटकर मंडी में ले जाने का कार्य कर रहे हैं। कई किसान रात्रि के समय का फायदा उठाकर अपने खेतों में खड़े गेहूं के डंठलों को जलाने का काम भी कर रहे हैं। किसान खेत में पराली जलाने के दौरान हवा के साथ यह आग फैलती है और अन्य किसानों के खेत को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है
