जहाजपुर (भीलवाड़ा)। टोंक जिले से जहाजपुर आए एक युवक की हत्या के बाद भीलवाड़ा में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। मृतक सीताराम की निर्मम हत्या के विरोध में शनिवार से ही स्थानीय अस्पताल के बाहर धरना जारी है। पीड़ित परिवार ने 1 करोड़ रुपये मुआवजे, एक परिजन को सरकारी नौकरी, आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। इसके साथ ही प्रशासन ने 5 व 6 जुलाई को मोहर्रम के ताजिया जुलूसों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या है पूरा मामला? कैसे हुई हत्या?
पुलिस के अनुसार टोंक जिले के छावनी गांव से सीताराम कीर (25), सिकंदर, दिलखुश और दीपक नामक युवक कार से जहाजपुर आए थे। यह लोग एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। शुक्रवार शाम करीब 7:30 बजे ये लोग जहाजपुर के तकिया मस्जिद इलाके से गुजर रहे थे, तभी उनकी कार एक सब्जी ठेले से हल्की टकरा गई। इस मामूली विवाद ने उग्र रूप ले लिया।


स्थानीय लोगों ने कार को घेर लिया, मारपीट शुरू कर दी और सीताराम को खींचकर बाहर निकाला गया। उसे सड़क पर पटक कर पीटा गया। घायल हालत में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

मृतक की पहचान और परिवार की स्थिति
सीताराम कीर एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था। पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और घर में बुजुर्ग मां ही थीं। सीताराम ही घर का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। ऐसे में उसकी मृत्यु से परिवार पर आर्थिक और मानसिक संकट टूट पड़ा है।
परिवार की मांगें: मुआवजा, नौकरी, बुलडोजर
मृतक के परिवार और समाजजन का कहना है कि यह हत्या साजिश के तहत की गई है। प्रदेश अध्यक्ष हरिनंद कहार ने कहा:
“सीताराम की निर्मम हत्या की गई है। आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो चुका है, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। परिवार को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए, एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और घटना की एसआईटी से जांच हो। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए।”
साथ ही, परिवारजन और समाज के लोगों ने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग भी उठाई है।
शव ले जाने को लेकर भी विवाद, डीएसपी पर गंभीर आरोप
परिवार का आरोप है कि रात में पुलिस ने जबरन शव को हॉस्पिटल से हटाने की कोशिश की। महिलाओं के विरोध के बावजूद शव को पुलिस की गाड़ी में डालने का प्रयास किया गया। इस दौरान सीताराम की बुआ के साथ डीएसपी द्वारा गाली-गलौज करने का भी आरोप लगाया गया है। परिजन ने डीएसपी को निलंबित कर हटाने की मांग की है।
जहाजपुर बंद, बाजार सन्नाटा
हत्या के विरोध में शनिवार को पूरा जहाजपुर कस्बा बंद रहा। हालांकि किसी संगठन द्वारा बंद का औपचारिक आह्वान नहीं किया गया, लेकिन स्वतःस्फूर्त तरीके से व्यापारी और आमजन सड़कों पर नहीं निकले। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 10 थानों का पुलिस बल मौके पर तैनात किया है।
प्रशासन की सख्ती: ताजिया जुलूस पर रोक
घटना के बाद उपजे तनाव को देखते हुए एसडीएम ने 5 और 6 जुलाई को मोहर्रम पर निकलने वाले ताजिया जुलूसों पर रोक लगा दी है। यह कदम किसी भी संभावित सांप्रदायिक टकराव को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

भीलवाड़ा सांसद और स्थानीय विधायक की प्रतिक्रिया
भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा:
“यह घटना बेहद निंदनीय है। कीर समाज में आक्रोश है। हम सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। प्रशासन को सभी दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलानी चाहिए।”
वहीं, स्थानीय विधायक गोपीचंद मीणा भी अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया।
अब तक की कार्रवाई: कितने नामजद, कितनी गिरफ्तारियां?
पुलिस ने इस मामले में अब तक 16 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे जन आक्रोश और अधिक बढ़ गया है।
क्या कहते हैं चश्मदीद?
कार चला रहे युवक सिकंदर कीर के जीजा ने बताया:
“हमने ठेले वाले से माफी मांगी थी। हमने उसके प्याज भी समेट कर दे दिए। कार के ब्रेक नहीं लग रहे थे। भीड़ ने हमें घेर लिया और चाबी छीन ली। सीताराम को घसीटकर नीचे पटक दिया गया और जमकर पीटा गया।”
निष्कर्ष: न्याय की मांग और तनावपूर्ण माहौल
भीलवाड़ा के जहाजपुर में युवक की हत्या से उपजा जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है। पीड़ित परिवार और समाजजनों की मांगें कड़ी हैं, प्रशासन पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।
