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July 20, 2025 9:01 am

महिलाओं को रात की पाली में काम की अनुमति: सुरक्षा के साथ मिलेगा सम्मानजनक कार्यस्थल

मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, दुकानें-कारखाने दे सकेंगे नाइट शिफ्ट में महिलाओं को काम, शर्तों का पालन जरूरी

भोपाल,
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य की महिलाओं को एक नया कार्य अवसर देते हुए उन्हें दुकानों, वाणिज्यिक संस्थानों और कारखानों में रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करने की अनुमति दे दी है। लेकिन यह अनुमति सख्त सुरक्षा प्रबंधों और नियमों की शर्तों के अधीन दी गई है। यह निर्णय मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 और कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत लिया गया है। श्रम विभाग ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी कर दिए हैं।

🟣 दुकानों एवं वाणिज्यिक संस्थानों के लिए निर्देश:

  • महिलाओं को रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक काम पर लगाने से पहले उनकी लिखित सहमति आवश्यक होगी।
  • कम से कम 5 महिला कर्मचारियों के समूह में ही रात्रि पाली में नियुक्ति की जा सकेगी।
  • संस्थानों को शौचालय, वॉशरूम, स्वच्छ पेयजल, विश्राम कक्ष जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।
  • इन सुविधाओं तक प्रकाशयुक्त मार्ग और CCTV निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • जहाँ 10 या अधिक महिलाएं कार्यरत हों, वहाँ महिला सुरक्षा गार्ड और विश्राम कक्ष की अनिवार्यता होगी।
  • सभी प्रतिष्ठानों को लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम 2013 का पूर्ण पालन करना होगा।

🔵 कारखानों के लिए विशेष शर्तें:

  • महिलाओं को रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति मिलेगी, लेकिन सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा।
  • लिखित सहमति और पांच या अधिक महिलाओं के समूह में ही उन्हें रात्रि पाली में नियुक्त किया जाएगा।
  • महिला कर्मचारियों के लिए घर से कार्यस्थल तक लाने-ले जाने की सुविधा नियोक्ता को देनी होगी।
  • कार्यस्थल पर प्रकाश व्यवस्था, CCTV निगरानी, शौचालय, भोजन कक्ष, विश्राम कक्ष की सुविधा अनिवार्य होगी।
  • प्रवेश और निकास द्वारों पर महिला सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति आवश्यक होगी।
  • रात्रिकालीन ठहराव की व्यवस्था महिला वार्डन अथवा सुपरवाइजर के नियंत्रण में होगी।
  • नाइट शिफ्ट में सुपरवाइजरी स्टाफ का कम से कम एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं होंगी।
  • शिफ्ट परिवर्तन के बीच 12 घंटे का अंतराल अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।
  • कारखानों को भी लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 का पूर्ण अनुपालन करना होगा।

✅ उद्देश्य: सुरक्षा के साथ सशक्तिकरण

यह कदम महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की पहल का हिस्सा है। सरकार का कहना है कि महिला श्रमिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण देना हर संस्थान की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


📌 निष्कर्ष:
महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति देना जहां लैंगिक समानता और रोजगार सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है, वहीं यह सुनिश्चित करना भी अनिवार्य होगा कि सभी नियमों और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन हो। यह निर्णय राज्य में महिला भागीदारी को नई ऊंचाइयां देने वाला साबित हो सकता है — बशर्ते इसे सही ढंग से लागू किया जाए।

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