
त्रिनेत्र गणेश के दर्शन को निकला मासूम, जंगल में मिला मौत का बुलावा

सवाई माधोपुर।
एक पवित्र यात्रा, जो भगवान त्रिनेत्र गणेश के दर्शन से शुरू हुई थी, वह रणथंभौर की खामोश वादियों में चीख-पुकार और मातम में तब्दील हो गई। सात साल का मासूम कार्तिक सुमन, जो अपनी दादी और परिवार के साथ बूंदी से सवाई माधोपुर के रणथंभौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन के लिए आया था, टाइगर के हमले का शिकार बन गया।
रविवार दोपहर की वह मनहूस घड़ी, जब श्रद्धालुओं की भीड़ लौट रही थी, तब एक झाड़ी से टाइगर अचानक झपट पड़ा और कार्तिक को मुंह में दबोचकर जंगल की ओर ले गया। बच्चे की चीख, दादी की पुकार, और वहां मौजूद लोगों की बेबसी… सब कुछ कुछ ही पलों में एक भयानक सन्नाटे में बदल गया।
भीड़ के बीच से उठाया टाइगर ने मासूम
कार्तिक के चाचा दीपक बताते हैं, “हम सब दर्शन करके लौट रहे थे। चढ़ाई का रास्ता पार कर ही रहे थे कि टाइगर अचानक आया और भीड़ के बीच से कार्तिक को सिर से दबोचकर झाड़ियों में ले गया। हमने शोर मचाया, लेकिन टाइगर बहुत ताकतवर था।”
इस भयानक दृश्य को देखकर बच्चे की दादी चीख-चीखकर रोने लगीं। पास के श्रद्धालुओं ने उन्हें संभाला, लेकिन बेटे को खोने का दर्द किसी के शब्दों से कम नहीं हो सकता।

गर्दन पर पंजा रखकर बैठा रहा टाइगर
प्रत्यक्षदर्शी रामसिंह गुर्जर ने बताया, “मैं दोपहर 3 बजे दर्शन करके लौट रहा था। मेरे सामने ही टाइगर झाड़ी से निकला और बच्चे को उठाकर ले गया। वह जंगल में काफी देर तक बच्चे की गर्दन पर पंजा रखकर बैठा रहा।”
यह घटना अमराई वन क्षेत्र की है, जहां पिछले दो दिनों से टाइगर T-120 की मौजूदगी दर्ज की गई थी। वन विभाग को आशंका है कि हमला इसी बाघ ने किया है।
श्रद्धालुओं में फैली दहशत, मंदिर मार्ग बंद
घटना के बाद श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। कुछ लोग पैदल ही भागकर गणेश धाम चौकी पहुंचे और पुलिस-वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले सभी रास्ते तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए।
वन विभाग की मशक्कत, कार्तिक की नन्हीं देह को जंगल से निकाला गया
वनकर्मियों को टाइगर को भगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उसके बाद कार्तिक का शव बरामद किया गया। शव को जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। कार्तिक, देई खेड़ा (बूंदी) के गोहटा गांव निवासी द्वारका माली का बेटा था।
सवाल खड़े करता यह हादसा
रणथंभौर जैसे संरक्षित वन क्षेत्र में श्रद्धालुओं की आवाजाही और सुरक्षा प्रबंधन पर यह घटना एक बड़ा सवालिया निशान छोड़ गई है। हर साल हजारों श्रद्धालु त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन वन्यजीवों की मौजूदगी के बीच बिना उचित निगरानी और सुरक्षा के दर्शन की यह परंपरा अब जानलेवा बनती जा रही है।

प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए चेतावनी
वन विभाग ने घटना के बाद चेतावनी जारी की है और लोगों से रणथंभौर में बिना अनुमति या सुरक्षा के प्रवेश न करने की अपील की है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे केवल निर्धारित समय और मार्ग का ही उपयोग करें और प्राकृतिक वन्यजीवों के क्षेत्र में सावधानी बरतें।
🙏 मानवता की पुकार
कार्तिक की मौत ने हर उस इंसान का दिल दहला दिया है जो एक नन्ही मुस्कान में जीवन की उम्मीद देखता है। एक बच्चा, जो भगवान के दर्शन को निकला था, खुद एक प्रार्थना बन गया।
प्रशासन से अपील है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और इस क्षेत्र की निगरानी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए।
