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March 23, 2025 7:26 am

शामगढ़ कॉलेज की जर्जर स्थिति: 3 साल में ही जर्जर हुआ नया भवन

shamgarh college

शामगढ़। शिक्षा के मंदिर का जब निर्माण होता है, तो उम्मीद होती है कि यह छात्रों के भविष्य की मजबूत नींव बनेगा। लेकिन शामगढ़ का कुशाभाऊ ठाकरे शासकीय महाविद्यालय खुद ही कमजोर बुनियाद पर खड़ा नजर आ रहा है। 17 फरवरी 2022 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव द्वारा इस कॉलेज का लोकार्पण बड़े जोश और उम्मीदों के साथ किया गया था, लेकिन मात्र तीन वर्षों में ही भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है।

भवन में दरारें, कॉलम में स्टील प्लेट से किया जा रहा है लीपापोती

कॉलेज भवन का निरीक्षण करने पर यह सामने आया कि खड़े कॉलम में कई जगह दरारें आ चुकी हैं। हालात इतने खराब हैं कि ठेकेदार ने कॉलम को स्टील प्लेट से जोड़कर अपनी कमियों को छुपाने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं, सैकड़ों जगहों पर दीवारों में दरारें (क्रैक्स) आ गई हैं और प्लास्टर उखड़ चुका है।

तीसरे सत्र में ही हांफने लगा भवन

इस कॉलेज को बने हुए अभी तीन साल हुए, लेकिन स्थिति ऐसी हो गई है कि मानो यह दशकों पुराना हो। तीसरे सत्र में ही यह भवन हांफने लगा है। छात्रों और प्राध्यापकों को डर सता रहा है कि अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई, तो यह किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकता है।

बिजली फिटिंग में खराबी, लाइटें अपने आप चालू-बंद

कॉलेज की बिजली फिटिंग भी गंभीर समस्या बनी हुई है। पूरे महाविद्यालय में लाइटें अपने आप चालू और बंद हो रही हैं। यशस्वी दुनिया को सूत्रों से जानकारी मिली है कि खराब बिजली फिटिंग के कारण कॉलेज के प्रिंटर हार्ड डिस्क और कंप्यूटर में कई बार जलने की शिकायत आ गई है इसके अलावा भवन के ऊपर बनाई गई पानी की टंकी भी किसी काम की नहीं है महाविद्यालय को अपने खर्चे पर प्लास्टिक की पानी की टंकियां लाकर लगानी पड़ी है कई अल्युमिनियम की खिड़कियां गिर गई है जिसे बार-बार कहने के बाद भी अभी तक लगाई नहीं गई है 6.50 करोड रुपए का यह भवन कई बार शिकायत के बावजूद यह समस्या दूर नहीं हो सकी। इससे न केवल पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि शॉर्ट सर्किट जैसी दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है।

गिर रही खिड़कियां, टूट रहे दरवाजे और उखड़ रहा प्लास्टर

कॉलेज भवन की खिड़कियां अचानक गिर रही हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। दरवाजों के हार्डवेयर टूट चुके हैं, दीवारों का रंग उखड़ चुका है और प्लास्टर झड़ने लगा है। देखने में यह भवन 2022 में बना नहीं, बल्कि 30 साल पुराना नजर आता है।

ठेकेदार ने झाड़ा पल्ला, कहा- गारंटी पीरियड में नहीं आता भवन

जब इस मामले में शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण एजेंसी पीआईयू के ठेकेदार से बात की गई, तो उसने भवन की मरम्मत से साफ इंकार कर दिया। ठेकेदार का कहना है कि “यह भवन मेरी गारंटी पीरियड में नहीं आता। सुवासरा का भवन मेरी गारंटी में था, इसलिए मैंने उसकी मरम्मत करवाई, लेकिन यहां मैं सिर्फ मानवता के नाते मरम्मत करवा दूंगा।”

उद्घाटन के समय हुई थी तरणताल की घोषणा, अब तक कोई अता-पता नहीं

उद्घाटन के दौरान पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने शामगढ़ और सुवासरा कॉलेजों में तरणताल (स्विमिंग पूल) बनाने की घोषणा की थी। लेकिन तीन साल बाद भी इसकी कोई योजना या कार्य शुरू नहीं हुआ। यह वादा सिर्फ भाषण तक ही सीमित रह गया।कॉलेज की इस बदहाल स्थिति के बारे कॉलेज प्रिंसिपल से चर्चा करने पर उनके द्वारा किसी भी प्रकार की आधिकारिक जानकारी देने से इनकार किया l प्रिंसिपल की रुचि किसी भी प्रकार की कार्रवाई दिखाने की यशस्वी दुनिया को नहीं थी l इसके बाद यशस्वी दुनिया द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई है जो खबर लिखने तक उपलब्ध हो नहीं पाई है l

पीआईयू विभाग एसडीओ फोन उठाने तक को तैयार नहीं

यशस्वी संपादक कैलाश विश्वकर्मा द्वारा पीआईयू एसडीओ ए.के. जैन से जर्जर भवन संबंधी खबर के वर्सन के लिए कई कॉल किए गए परंतु अधिकारी की मजाल है कि एक भी फोन उठा ले ..!!

जिस तरह इस जर्जर भवन की स्थिति पर बयान देने से अधिकारी बच रहे हैं उसे बात से ही आशंका बलवती होती है कि इस घटिया निर्माण में निर्माण एजेंसी संबंधी अधिकारियों एवं इंजीनियरों के मिलीभगत एवं भ्रष्टाचार होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है l
महाविद्यालय भवन की जर्जर स्थिति के बारे में विभाग का अवगत कराने संबंधीत कार्रवाई की जानकारी भी उनके द्वारा नहीं दी गई l भवन के कारण छात्रों औरसवाल यह है कि क्या प्रशासन इस ओर ध्यान देगा, या फिर छात्रों को खतरनाक भवन में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा
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