
सीमांकन के पांच माह बाद भी तहसीलदार नहीं लगवा पाए शासकीय भूमि पर बोर्ड

सुवासरा किशोर मलैया – नगर में पांच महीने पहले शासकीय सर्वे न. 667/1 का 0.125 हेक्टेयर जमीन का मामला गरमाया था। जिसमें जानकारी मिली थी कि ग्राम पंचायत किशोरपुरा के सरपंच मिटटूसिंह ने लगभग 8 लाख रु में स्टाम्प पर सुवासरा गांव के एक व्यक्ति से उक्त शासकीय जमीन खरीदी थी। बेशकीमती शासकीय जमीन का मामला जब राजस्व विभाग के संज्ञान में आया तो विभाग ने ताबड़तोड़ कार्यवाही कर जमीन का सीमांकन कर सरपंच को फटकार लगाई। इसके बाद राजस्व विभाग ने इसी सर्वे न. पर सरपंच सहित तीन अन्य लोगो का और कब्जा पाया गया। विभाग ने नियमानुसार कार्यवाही कर धारा 248 के अंतर्गत सभी कब्जाधारी को नोटिस दिया गया। जिसके जवाब में सभी कब्जाधारी अतिक्रमणकर्ताओ ने प्रशासन को जवाब में अपना कब्जा नही होना बताया। इस कार्यवाही के बाद एस डी एम और तहसीलदार ने इस शासकीय जमीन पर सरकारी बोर्ड और तार फेंसिंग करने की बात कही थी। लेकिन पांच महीने बाद भी ना तो तार फेंसिंग हुई और ना ही कोई बोर्ड लगाया गया। प्रशासन की सुस्ती की वजह भूमाफियाओं से साठगाठ की ओर इशारा कर रही है। जबकि उक्त जमीन शासकीय है तहसीलदार मोहित सिनम पांच महीने बाद भी पटवारी का कथन नही होने की बात कर रहे है।वहीं एस डी एम शिवानी गर्ग भी कार्यवाही के बाद इस प्रकरण को भूल गयी। राजस्व विभाग की उदासीनता का फायदा फिर से भूमाफिया उठाकर करोड़ो की शासकीय जमीन को खाक कर देंगे।
यह था मामला
सुवासरा चोपाटी पर एक व्यक्ति ने करोड़ों रुपए मूल्य की बेशकीमती जमीन पर पहले कब्जा किया और बाद में उसे कोड़ियों के भाव बेच दी। वह भी केवल एक अनुबंध पत्र पर। जमीन की खरीदी बिक्री 2022 में हुई थी। दो साल बाद शुक्रवार को प्रशासन को इसकी जानकारी मिली। जानकारी के आधार पर प्रशासन ने जमीन का सीमांकन करवाकर उसे अतिक्रमण से छुड़वाया। जल्दी ही तार फेंसिंग कर जमीन को सरकारी भूमि घोषित कर दिया जाएगा।
सुवासरा चौपाटी पर चोमेहला रोड पर रोड से लगी हुई 40 बाय 90 की भूमि को सुवासरा निवासी जोरावरसिंह पिता शिवसिंह राजपुत ने 18 जनवरी 2022 को तहसील के ही ग्राम किशोरपुरा के सरपंच मिट्ठूसिंह पिता ईश्वरसिंह राजपुत को 8 लाख 51 हजार रुपए में बेच दी थी। इस बात की जानकारी शुक्रवार को एसडीएम शिवानी गर्ग को मिल गई। शुक्रवार शाम सात बजे वे मौके पर पहुंची। उनके साथ तहसीलदार मोहित सीनम सहित राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। एसडीएम ने तहसीलदार से जमीन की जानकारी ली और सीमांकन करने के निर्देश दिए। इसके बाद शनिवार को तहसीलदार सिनम, पटवरी कैलाशचंद सूर्यवंशी सहित राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जीमन पर सीमांकन कर पंचनामा बनाया।
तहसीलदार का कहना…
पटवारी के कथन होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
मोहित सिनम तहसीलदार सुवासरा
सीतामऊ एस डी एम का कहना..
प्रकरण तहसीलदार के यहां चल रहा है। अभी तक क्या कार्यवाही हुई है। में इसे दिखवाती हु। और शासकीय भूमि का बोर्ड भी लगवाते है।
शिवानी गर्ग एस डी एम सीतामऊ
