वॉशिंगटन DC | 1 घंटा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 41 देशों के नागरिकों के लिए US वीजा बैन करने पर विचार कर रहे हैं। यह जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दी है। इस संभावित प्रतिबंध की सूची में भारत के पड़ोसी भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार का भी नाम शामिल है।
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ट्रम्प प्रशासन की नई रणनीति
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यह फाइनल लिस्ट नहीं है, क्योंकि अभी इसे अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलना बाकी है। ट्रम्प प्रशासन इस नीति को अमेरिका की सुरक्षा से जोड़कर देख रहा है और इसे अप्रवासियों पर नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
वीजा बैन की संभावित श्रेणियां
जिन 41 देशों पर वीजा बैन के बारे में विचार किया जा रहा है, उन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है:
- रेड लिस्ट: पूरी तरह वीजा बैन।
- ऑरेंज लिस्ट: आंशिक वीजा बैन।
- यलो लिस्ट: अमेरिका की ओर से बताए गए मुद्दों पर कार्रवाई न करने पर आंशिक वीजा बैन।
इस बैन के क्या प्रभाव होंगे?
- रेड लिस्ट में शामिल देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पूरी तरह बंद हो जाएगी।
- ऑरेंज लिस्ट में शामिल देशों के नागरिकों को अमेरिका वीजा पाने के लिए कड़ी जांच और व्यक्तिगत इंटरव्यू देना होगा।
- यलो लिस्ट में शामिल देशों को अमेरिका द्वारा उठाए गए सुरक्षा मुद्दों को ठीक करने के लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उन्हें ऑरेंज या रेड लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
ट्रम्प प्रशासन की कड़ी नीति
राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रम्प अप्रवासियों के खिलाफ सख्त नीति अपनाते आ रहे हैं। उन्होंने 20 जनवरी को अपने शपथ ग्रहण के दिन ही एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था, जिसमें सभी कैबिनेट सदस्यों को 21 मार्च तक उन देशों की लिस्ट सौंपने का आदेश दिया गया था, जहां से आने वाले लोगों पर वीजा बैन लगाया जा सकता है।
ट्रम्प ने कहा था कि उनका उद्देश्य “अमेरिकी नागरिकों को अवैध अप्रवासियों से बचाना है, जो आतंकवादी हमलों को अंजाम दे सकते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा कर सकते हैं और नफरत भरी विचारधारा का समर्थन कर सकते हैं।”
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
अमेरिका के इमीग्रेशन पॉलिसी एक्सपर्ट डेविड रॉबिन्सन ने कहा, “यह नीति अमेरिका की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह कई देशों के साथ राजनयिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है।”
इसी तरह, मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह नीति धार्मिक और नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा दे सकती है। संगठन ने इसे “अमानवीय” बताया है और अमेरिका की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कदम करार दिया है।
पहले भी ट्रम्प ने मुस्लिम देशों पर लगाया था बैन
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में भी सात इस्लामिक देशों – सीरिया, सूडान, सोमालिया, ईरान, इराक, लीबिया और यमन पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। हालांकि, इससे कई मुस्लिम देश नाराज हुए थे और मानवाधिकार संगठनों ने इसे कठोर फैसला बताया था।
बाद में, जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इस आदेश को रद्द कर दिया था। उन्होंने इसे “राष्ट्र की राजनीतिक अंतरात्मा पर कलंक” बताया था।
आगे क्या?
अब सभी की नजरें अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रम्प प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस लिस्ट को अंतिम रूप कब देते हैं और किन देशों को वीजा प्रतिबंध की सूची में डालते हैं।
