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May 14, 2025 1:24 pm

29 मार्च 2025 को शनि राशि परिवर्तन: जानें किस राशि पर क्या होगा असर..ज्योतिषाचार्य जिया पाटीदार

शनि का गोचर 2025: शनि की साढ़ेसाती और ढैया में बदलाव

ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय का कारक माना जाता है। शनि देव की चाल बहुत धीमी होती है और वे लगभग ढाई साल तक एक राशि में रहते हैं। इस वर्ष, 29 मार्च 2025 को शनि देव मीन राशि के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण में रात्रि 9:44 बजे गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्य जिया पाटीदार (कुंडली विशेषज्ञ) के अनुसार इस महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।

किन राशियों की साढ़ेसाती और ढैया होगी समाप्त?

शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से कुछ राशियों की साढ़ेसाती और ढैया समाप्त होगी, जबकि कुछ नई राशियों पर इसका प्रभाव शुरू होगा।

साढ़ेसाती समाप्त होगी:

  • मकर राशि – शनि की साढ़ेसाती से मुक्त होंगे।
  • कुंभ राशि – साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा।
  • मीन राशि – साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा।

साढ़ेसाती शुरू होगी:

  • मेष राशि – नए साढ़ेसाती चक्र में प्रवेश।

ढैया समाप्त होगी:

  • वृश्चिक राशि
  • कर्क राशि

नई ढैया शुरू होगी:

  • सिंह राशि
  • धनु राशि

राशियों पर शनि के प्रभाव

🔴 मेष राशि:
साढ़ेसाती के पहले चरण में मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और कामकाज में देरी जैसी चुनौतियां आ सकती हैं।

🟠 सिंह राशि:
ढैया लगने से आर्थिक समस्याएं, संतान से जुड़ी परेशानियां और पारिवारिक क्लेश बढ़ सकते हैं।

🟡 धनु राशि:
घर में सुख-शांति की कमी, कामकाज में रुकावटें और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।

🟢 वृश्चिक राशि:
पढ़ाई करने वाले छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव रहेगा और दांपत्य जीवन में तनाव संभव है।

शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय

29 मार्च 2025 को शनि देव का राशि परिवर्तन शनिवार और अमावस्या तिथि पर हो रहा है, जिससे यह दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ये उपाय करें:

✔️ शनि मंदिर में दर्शन करें।
✔️ शनिदेव को काले तिल, उड़द, सरसों के तेल का दीपक और काला वस्त्र अर्पित करें।
✔️ ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
✔️ जरूरतमंद और अपाहिज लोगों को काले कंबल, जूते-चप्पल, छाता और लोहे की वस्तुएं दान करें।
✔️ छायादान करें (सरसों के तेल से भरे कटोरे में अपनी छाया देखकर उसे दान करें)।
✔️ हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
✔️ उड़द के आटे से बने 7 या 11 दीपक शनि मंदिर या हनुमान मंदिर में जलाएं।
✔️ पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

क्या कहती है ज्योतिष गणना?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि का गोचर हमेशा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह व्यक्ति के कर्मों का फल प्रदान करता है। यह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए शुभ साबित होगा, जबकि कुछ राशियों को विशेष रूप से सतर्क रहना होगा।

अतः, 29 मार्च 2025 को शनि देव के इस राशि परिवर्तन के दौरान सभी राशियों को सतर्क रहने और शनि शांति के उपाय करने की सलाह दी जाती है।

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