पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कलेक्टर मंदसौर को लिखा पत्र
मंदसौर। शहर के मुक्तिधाम पर पूर्ण समर्पण के साथ अंतिम संस्कार क्रिया में नि:शुल्क सेवा देने वाली श्रीमती निर्मला देवी को स्थाई रूप से मानदेय दिया जाना चाहिए। यह मांग पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कलेक्टर मंदसौर को लिखे एक पत्र में की है।

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12 वर्षों से नि:स्वार्थ सेवा में संलग्न हैं निर्मला देवी
श्री सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि लगभग 12-13 वर्षों से मंदसौर शहर के मुक्तिधाम पर श्रीमती निर्मला देवी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपनी सेवाएं दे रही हैं। वे मुक्तिधाम पर चिता पर लकड़ी जमाने और चिता के ठंडी होने तक देखरेख करने का कार्य करती हैं। यह कार्य आमतौर पर पुरुषों द्वारा किया जाता है, लेकिन निर्मला देवी ने सामाजिक परंपराओं को तोड़ते हुए इस सेवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने भी किया सम्मानित
निर्मला देवी की सेवाओं को देखते हुए उन्हें गौरव दिवस के अवसर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नगर के गौरव से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उनके समर्पण और निस्वार्थ सेवा के प्रति समाज की ओर से एक महत्वपूर्ण स्वीकृति थी।
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व्यक्तिगत संघर्ष और सेवा की अनूठी मिसाल
निर्मला देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उनके पति और बेटे का निधन हो चुका है, जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से सेवा और मानवता को समर्पित कर दिया। उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत पीड़ा को पीछे छोड़ दिया, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
पूर्व विधायक ने की मानदेय की मांग
पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में यह अनुरोध किया है कि मुक्तिधाम का संचालन कर रही संस्था अन्न क्षेत्र कमेटी या नगर पालिका परिषद को निर्देशित किया जाए कि वे श्रीमती निर्मला देवी को उनकी आजीविका के लिए सम्मानजनक मानदेय प्रदान करें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भी हुई थी सराहना
इस वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रशासन द्वारा भी निर्मला देवी के योगदान को सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर कई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके कार्यों की सराहना की गई थी। उनकी सेवा की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर कई समाचार चैनलों पर भी प्रसारित की गई थी।
समाज में सेवा की प्रेरणा बनीं निर्मला देवी
निर्मला देवी केवल एक नाम नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण की प्रतीक बन चुकी हैं। उनकी कहानी समाज के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपने जीवन को सकारात्मक कार्यों के लिए समर्पित कर सकता है। समाज में ऐसे व्यक्तित्वों का सम्मान और समर्थन किया जाना चाहिए।
मंदसौर प्रशासन से अपेक्षा
अब देखना यह है कि मंदसौर प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या निर्मला देवी को वह सम्मान और आर्थिक सहायता मिलेगी, जिसकी वे हकदार हैं? समाजसेवियों और नागरिकों का मानना है कि प्रशासन को इस ओर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए ताकि उनकी सेवा का उचित सम्मान हो सके।
