
नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भयावह आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की हत्या के एक दिन बाद, भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर दिया है। साथ ही भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला लिया है।
क्या होता है ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’?
‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है – ‘अवांछित व्यक्ति’। यह शब्द 1961 के वियना कंवेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस के दौरान पहली बार राजनयिक शब्दावली में सम्मिलित हुआ था। किसी भी देश द्वारा जब किसी विदेशी राजनयिक को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया जाता है, तो इसका मतलब होता है कि वह व्यक्ति उस देश में अब स्वीकार्य नहीं है और उसे तुरंत देश छोड़ना होगा।

इस प्रकार की घोषणा सबसे गंभीर राजनयिक कदम मानी जाती है। खास बात यह है कि वियना संधि के तहत उस देश को इस फैसले के पीछे कारण बताने की भी आवश्यकता नहीं होती।
भारत ने पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया है, जबकि वियना संधि के तहत आमतौर पर 48 से 72 घंटे का समय दिया जाता है।
भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक संबंध किए डाउनग्रेड
पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने न केवल पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को निष्कासित किया है, बल्कि कई अन्य सख्त कदम भी उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत और पाकिस्तान दोनों के उच्चायोगों में राजनयिकों की संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया 1 मई 2025 तक पूरी की जाएगी।
इन कदमों से भारत ने दिया स्पष्ट संदेश
- पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया गया।
- भारतीय सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाया गया।
- भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी सीमा को अस्थायी रूप से बंद किया गया।
- इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) को भी भारत ने निलंबित किया।
हमले के बाद का माहौल
पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ितों की पहचान की पुष्टि की और हमले का वीडियो भी बनाया। इस हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे, जो छुट्टियाँ बिताने वहां गए थे।
क्या है पाकिस्तान की प्रतिक्रिया?
भारत की ओर से इन सख्त कदमों के बाद अभी तक पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इस फैसले से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में और खटास आ सकती है।
निष्कर्ष
भारत द्वारा पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करना यह स्पष्ट करता है कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को और अधिक कड़ा कर चुका है। यह कदम केवल एक राजनयिक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के साथ सामान्य संबंध नहीं बनाए रखे जा सकते।
