Explore

Search

June 20, 2025 7:38 pm

गुर्जर आंदोलन ने रोकी दिल्ली-मुंबई रेल: महापंचायत खत्म होने के बाद पटरियों पर उतरे युवा, दो घंटे बाधित रहा ट्रैक

भरतपुर (राजस्थान), 8 जून 2025
गुर्जर समाज द्वारा आरक्षण सहित कई मांगों को लेकर भरतपुर के बयाना इलाके में आयोजित की गई महापंचायत खत्म होने के बाद रविवार को आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया। पीलूपुरा में युवाओं की भीड़ दिल्ली-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर पहुंच गई और कोटा-मथुरा पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। करीब दो घंटे तक यह अत्यंत व्यस्त रेलमार्ग पूरी तरह जाम रहा।

इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पटरी को नुकसान भी पहुंचाया और सीमेंट के पिलर ट्रैक पर रखकर बैठ गए। प्रशासन की कड़ी मशक्कत और स्थानीय नेताओं की समझाइश के बाद शाम करीब साढ़े 6 बजे ट्रैक खाली कराया जा सका।


महापंचायत के बाद असंतोष क्यों भड़का?

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत के दौरान सरकार द्वारा भेजा गया ड्राफ्ट समाज के सामने पढ़ा। प्रारंभिक सहमति के बाद महापंचायत समाप्त कर दी गई, लेकिन कुछ युवाओं और समाज के लोगों ने इस मसौदे को अधूरा और अस्वीकार्य बताया। गुस्साए प्रदर्शनकारी शाम 4:30 बजे ट्रैक पर पहुंच गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया।


प्रशासन और नेताओं की सक्रियता:

घटना के बाद भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश, आईएएस नीलाभ सक्सेना, एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय और सपा विधायक अतुल प्रधान मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात कर उन्हें ट्रैक छोड़ने के लिए राजी किया। भरतपुर कलेक्टर अमित यादव ने बताया कि जल्द ही रेलवे की टीम ट्रैक की जांच कर संचालन फिर से शुरू कर देगी।


ट्रेन सेवाएं बाधित:

  • अवध एक्सप्रेस (19037) बांद्रा से बरौनी जा रही थी, जिसे फतेहसिंहपुरा स्टेशन पर रोका गया।
  • कोटा-दिल्ली रूट की कई ट्रेनें सवाई माधोपुर पर रोकी गईं।
  • चार अन्य ट्रेनों की गति धीमी कर दी गई, जिन्हें धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों के सवाल:

पटरियों पर बैठे लोगों ने सवाल उठाया कि जब सरकार बिना महापंचायत के बातचीत को तैयार थी, तो यह आयोजन क्यों किया गया? शहीदों की अनदेखी और नौंवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पूरी न होने से युवा खासे नाराज नजर आए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “जब रातों-रात नोटबंदी हो सकती है, तो हमें 9वीं सूची में क्यों नहीं लाया जा सकता?”


बैंसला का बयान:

विजय बैंसला ने महापंचायत में कहा, “यह मसौदा जादू की डिब्बी है, इसमें से मूसा भी निकल सकता है और हाथी भी।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि जून के पहले सप्ताह में सरकार से मीटिंग होगी और लंबित मांगों पर कार्रवाई की जाएगी।


पूर्व में भी रहा है यह ट्रैक आंदोलन का केंद्र:

ट्रैक, महापंचायत स्थल से महज 150 मीटर दूर था और पहले भी गुर्जर आंदोलनों के दौरान इस मार्ग पर कई बार ट्रेनों को रोका गया है।


सरकार की ओर से अपील:

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि “कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं, जबकि सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है।”


निष्कर्ष:

गुर्जर समाज की मांगों को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह से शांत नहीं हुई है। हालांकि प्रशासनिक प्रयासों और सामाजिक नेतृत्व की सूझबूझ से टकराव टला है, लेकिन असंतोष की चिंगारी अभी भी सुलग रही है। आने वाले दिनों में सरकार और गुर्जर समाज के बीच वार्ताओं का निष्कर्ष ही राजस्थान में स्थायित्व ला सकता है।



Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर