सेना प्रमुख ने दी चेतावनी: “गोली का जवाब गोली से, हमले का जवाब हमला होगा”
10-11 मई 2025 की रात भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर हालात गरमा गए, जब पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया और भारतीय हवाई क्षेत्र का अतिक्रमण किया। भारतीय सेना ने आधिकारिक ट्वीट में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तत्काल पश्चिमी सीमाओं के सेना कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

जनरल द्विवेदी ने LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर “गतिज प्रतिक्रिया” यानी काइनेटिक एक्शन के लिए कमांडरों को पूरी छूट दे दी है। सेना का स्पष्ट संदेश है — “अगर वे गोली चलाएंगे तो हम गोली चलाएंगे, अगर वे हमला करेंगे तो हम हमला करेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर: जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर ठिकाने तबाह
भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर नामक जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद स्थित आतंकवादी अड्डों पर सबसे सटीक और शक्तिशाली हमले किए गए। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में आधुनिकतम मिसाइल तकनीक और निर्देशित बमों का इस्तेमाल हुआ।
जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। यह वही आतंकी संगठन है जिसे ISI ने खड़ा किया था और जिसका इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता रहा है।
यह भारत की ओर से दिया गया एक स्पष्ट और रणनीतिक संदेश था – “अब कोई सुरक्षित नहीं है।”
भारत-पाक DGMO वार्ता में तनाव, कोई कूटनीतिक संवाद नहीं
सूत्रों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) या विदेश मंत्री स्तर की बातचीत नहीं हुई है। केवल DGMO (Director General of Military Operations) स्तर पर संपर्क हुआ, जिसमें भारत ने स्पष्ट कर दिया कि कोई भी समझौता उल्लंघन का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।

PM मोदी का अमेरिका को स्पष्ट संदेश: ‘जवाब और भी विनाशकारी होगा’
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) से स्पष्ट शब्दों में कहा:
“अगर पाकिस्तान कुछ करता है, तो भारत का जवाब और भी ज्यादा विनाशकारी और निर्णायक होगा।”
यह बातचीत भारत की नई कूटनीतिक आक्रामकता को दर्शाती है। उसी रात पाकिस्तान ने भारत पर 26 ठिकानों पर हमला करने की नापाक कोशिश की, जिसका भारत ने अत्यंत सटीक और प्रभावी ढंग से जवाब दिया।
तीन मोर्चों पर मिली सफलता: सैन्य, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक
1. सैन्य लक्ष्य:
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में – “मिट्टी में मिला देंगे।”
जैश के बहावलपुर, लश्कर के मुरीदके और हिज्बुल के मुजफ्फराबाद कैंप पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए।
2. राजनीतिक लक्ष्य:
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को हथियार बनाया है।
जब तक आतंकवाद जारी रहेगा, यह संधि स्थगित रहेगी।
3. मनोवैज्ञानिक लक्ष्य:
भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया – “घुस कर मारेंगे।”
इस हमले से पाकिस्तान की जनता और सेना के बीच डर और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है।
भारत की स्पष्ट नीति: अब केवल PoK की बात होगी
कश्मीर मुद्दे पर भारत ने अपना रुख और कड़ा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार का स्पष्ट कहना है:
“अब कोई और मुद्दा शेष नहीं है, सिर्फ एक ही – पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी।”
यदि पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने को तैयार होता है, तो बात हो सकती है, अन्यथा कोई मध्यस्थता, बातचीत या द्विपक्षीय संपर्क की गुंजाइश नहीं है।
निष्कर्ष: भारत अब जवाबी नहीं, निर्णायक भूमिका में
ऑपरेशन सिंदूर और प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति ने एक नई सैन्य नीति को जन्म दिया है – “आक्रामक बचाव”। भारत ने दुनिया को बता दिया है कि वह शांति चाहता है, लेकिन कमजोर नहीं है।
यह भारत का नया आत्मविश्वास, नई सामरिक नीति, और स्पष्ट वैश्विक रुख है।
