शामगढ़, कैलाश विश्वकर्मा 09/02/2025 17.30
मंदसौर: शामगढ़ के वार्ड नंबर 5 में स्थित एक टावर के तारों में करंट फैलने से एक गाय की दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जैसे ही गाय तारों के संपर्क में आई, चिंगारियां निकलने लगीं और वह तड़प-तड़प कर दम तोड़ गई। यह घटना क्षेत्र में पहले भी हो चुकी है, लेकिन प्रशासन और विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

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टावर से लगातार हो रहा है करंट लीकेज
यह टावर वार्ड नंबर 5 में अल्फा स्कूल के पास स्थित है और इसकी बाउंड्री लाइन में पहले भी करंट फैलने की घटनाएं हो चुकी हैं। निवासियों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार विद्युत विभाग को सूचित किया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि आखिर कब तक प्रशासन ऐसे हादसों को नजरअंदाज करता रहेगा।
स्थानीय निवासियों का आक्रोश: “कहीं इंसान की जान न चली जाए“
इस घटना के बाद क्षेत्र के निवासियों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“हमने कई बार शिकायत की, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। अगर किसी इंसान को करंट लग जाता, तो क्या प्रशासन तब भी चुप बैठा रहता?”
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पशु कल्याण और सुरक्षा पर सवाल
गाय की इस दर्दनाक मौत ने पशु कल्याण और सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और प्रशासन जहां गायों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, वहीं ऐसी घटनाएं उन दावों की पोल खोलती हैं।
थाने में दी गई सूचना, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद स्थानीय निवासी थाने पहुंचे और इस हादसे की लिखित सूचना दी। उन्होंने मांग की है कि विद्युत विभाग और टावर प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और करंट लीकेज की समस्या को तुरंत हल किया जाए।
प्रशासन की चुप्पी, बढ़ सकती है घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब इस टावर से करंट फैलने की घटना सामने आई है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हर बार प्रशासन ने इसे अनदेखा कर दिया। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।https://yashasviduniya.com/pm-modi-will-visit-america-on-february-12-when-will-we-meet-donald-trump/
क्या कहता है कानून?
भारत में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत किसी भी पशु को हानि पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में यदि प्रशासन और विद्युत विभाग की लापरवाही साबित होती है, तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
प्रशासन कब जागेगा?
अब देखना होगा कि इस घटना के बाद प्रशासन और विद्युत विभाग क्या कार्रवाई करते हैं। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इस टावर के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और करंट लीकेज की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो नागरिक प्रदर्शन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
शामगढ़ की यह घटना प्रशासन की लापरवाही का एक और उदाहरण है। जब तक अधिकारी इस तरह की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। उम्मीद है कि इस बार प्रशासन जागेगा और इस समस्या का समाधान निकालेगा, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
