📅 मंदसौर | 5 जुलाई 2025
2018 में मंदसौर की एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य गैंगरेप मामले में दोषियों को फांसी के बजाय उम्रकैद की सजा देने के खिलाफ शहर में जबरदस्त जनआक्रोश देखने को मिला। शुक्रवार को सर्व समाज के आह्वान पर मंदसौर बंद रहा, जिसमें व्यापारियों और नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बंद के दौरान अधिकांश दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे।


विरोध रैली: घंटाघर से कंट्रोल रूम तक गूंजा न्याय का स्वर
दोपहर में सर्व समाज के बैनर तले एक बड़ी विरोध रैली निकाली गई। इसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे भारी संख्या में शामिल हुए। रैली ने घंटाघर से शुरू होकर नेहरू बस स्टैंड, गांधी चौराहा, बीपीएल चौराहा होते हुए पुलिस कंट्रोल रूम तक पैदल मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को फांसी की बहाली की मांग करते हुए नारे लगाए।


मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की मांग
कंट्रोल रूम पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन एसडीएम शिवलाल शाक्य को सौंपा।
ज्ञापन में राज्य सरकार से मांग की गई है कि वह हाईकोर्ट में पुनः अपील करे और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दोषियों को फिर से फांसी की सजा दिलाने का प्रयास करे।
“फांसी ही न्याय है” – संयोजक विनय दुबेला
सर्व हिंदू समाज के संयोजक विनय दुबेला ने कहा कि पहले मंदसौर कोर्ट और फिर हाईकोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा दी थी, लेकिन अब ट्रायल कोर्ट द्वारा इसे उम्रकैद में बदलना जनभावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के माध्यम से मज़बूत पैरवी की जाए, जिससे पीड़िता और उसके परिजनों को न्याय मिल सके।
प्रशासन का जवाब: ज्ञापन को उचित मंच तक पहुंचाया जाएगा
एसडीएम शिवलाल शाक्य ने कहा कि यह एक गंभीर सामाजिक मामला है और जनता की भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने आश्वासन दिया कि ज्ञापन को मुख्यमंत्री कार्यालय और उच्च स्तर तक उचित रूप से भेजा जाएगा ताकि आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज हो सके।
