नई दिल्ली/जम्मू/पंजाब। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार (12 मई) को राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन के कुछ घंटों बाद ही जम्मू-कश्मीर के सांबा और पंजाब के जालंधर में संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन देखे जाने की पुष्टि हुई है। सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता के चलते इन ड्रोनों को सफलतापूर्वक मार गिराया गया, लेकिन इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है। इसी के चलते सांबा, जालंधर, पठानकोट और होशियारपुर के कुछ हिस्सों में तत्काल ब्लैकआउट लागू किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की हरकत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता और भारत की सुरक्षा प्रतिबद्धता पर बात की। उनका यह भाषण संभवतः पाकिस्तान को एक सख्त संदेश देने के लिए था। परंतु इसके कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन गतिविधियों की खबरें सामने आईं, जिसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक सुनियोजित उकसावे की कोशिश माना है।

जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में देखा गया पाकिस्तानी ड्रोन
एएनआई और रक्षा सूत्रों के अनुसार, सांबा सेक्टर में भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान से आए ड्रोन को इंटरसेप्ट किया और तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें नष्ट कर दिया। स्थानीय नागरिकों ने भी लाल चमकती रोशनी के साथ आसमान में तेज उड़ान भरते हुए ड्रोनों को देखा और धमाकों की आवाजें सुनीं। यह सब कुछ इतने अचानक हुआ कि स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से ब्लैकआउट का आदेश जारी कर दिया।
जालंधर में सैन्य ठिकाने के पास दिखा ड्रोन
पंजाब के जालंधर जिले में एक सैन्य क्षेत्र के समीप भी ड्रोन देखे जाने की पुष्टि हुई है। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सुरानासी क्षेत्र में एहतियातन लाइटें बंद कर दी गईं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन हाई अलर्ट जारी है।
STORY | Armed forces downed 'surveillance drone' in Punjab's Jalandhar, says official
— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2025
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होशियारपुर के दसूया इलाके में धमाकों की आवाजें
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, होशियारपुर के दसूया और मुकेरिया इलाकों में भी 7 से 8 जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। डिप्टी कमिश्नर आशीका ने बताया कि उन्होंने भारतीय सेना से संपर्क स्थापित किया है और प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इन धमाकों का संबंध ड्रोन हमलों को नष्ट करने की प्रक्रिया से हो सकता है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
ब्लैकआउट के कारणों पर रक्षा विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्लैकआउट एक सामरिक कदम है। रात के समय ड्रोन या अन्य हवाई हमलों से बचाव के लिए लाइटें बंद करना एक पुरानी लेकिन प्रभावी रणनीति है। इससे दुश्मन के ड्रोन या मिसाइल को लक्ष्य पहचानने में कठिनाई होती है।
ड्रोन हमले के बाद की स्थिति और सुरक्षा तैयारियां
भारतीय सेना और सुरक्षा बल पूरी तरह अलर्ट पर हैं। बॉर्डर इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और एयर डिफेंस यूनिट्स को एक्टिव मोड पर रखा गया है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।
जनता से क्या अपील की गई?
स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे सुरक्षा बलों का सहयोग करें, अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, और अफवाहों से बचें। ड्रोन या संदिग्ध वस्तु दिखने पर तुरंत पुलिस या सेना को सूचना देने को कहा गया है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी के संबोधन के बाद ड्रोन हमले भारत की सुरक्षा प्रणाली के लिए एक गंभीर चुनौती हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की त्वरित और सटीक कार्रवाई ने इन प्रयासों को विफल कर दिया। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब न केवल आंतरिक रूप से संगठित है, बल्कि सीमाओं पर किसी भी चुनौती का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।
