नारायणगढ़ से ज्ञानेश प्रजापति की खबर

एक माँ, जिसने अपने बच्चों के भविष्य के लिए न जाने कितने सपने देखे होंगे, ने जब जीवन से हार मान ली, तो पूरे इलाके में मातम पसर गया। मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 32 वर्षीय हसीना बानो ने पारिवारिक तनाव से तंग आकर आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

हसीना बानो – एक माँ, एक पत्नी, और अंत में एक दुखद अंत…
मंगलवार शाम करीब 4:00 बजे, उदयराम प्रजापति के खेत में लगे आम के पेड़ से हसीना का शव लटका हुआ मिला। हसीना मूल रूप से मल्हारगढ़ वार्ड क्रमांक 2 की निवासी थी और वर्तमान में पहरा मगरा में अपने पति हयात के साथ रह रही थी।
सूत्रों के मुताबिक, हसीना के दो मासूम बच्चे, जिनकी उम्र 6 और 10 वर्ष थी, स्कूल नहीं जा रहे थे, मंगलवार को भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहस हुई, जिससे दुखी होकर हसीना बस से अपने पीहर के लिए निकल गई, लेकिन रास्ते में ही कहीं उतरकर उसने जान दे दी।
तीसरा विवाह भी नहीं दे सका जीवन में स्थिरता
हसीना का यह तीसरा विवाह था और पिछले 10 वर्षों से वह अपने पति हयात के साथ रह रही थी। हालांकि, लगता है कि इस रिश्ते में भी वो भावनात्मक सहारा और मानसिक शांति नहीं मिल पाई जिसकी उसे ज़रूरत थी।
पुलिस ने की कार्रवाई, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
घटना की सूचना मिलते ही नारायणगढ़ थाने के सहायक उप निरीक्षक कारुलाल प्रजापति अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय मंदसौर भेजा है।
क्या हम सुन पा रहे हैं ऐसी माओं की खामोश चीख़?
हसीना की आत्महत्या ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या आज भी हम परिवार में महिलाओं की भावनात्मक ज़रूरतों और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज़ कर रहे हैं?
क्या हम एक माँ को उसके बच्चों के भविष्य की चिंता से इतना अकेला छोड़ देते हैं कि वह जीवन से ही हार मान ले?
स्थानीय समाज में गहरा शोक
हसीना की मौत की खबर से इलाके में गहरा शोक है। पड़ोसी और परिचित सभी यह सोचकर स्तब्ध हैं कि एक हँसती-खेलती महिला अंदर ही अंदर कितना टूटी हुई थी।
