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नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा जानिए यशस्वी दुनिया से….

1 year ago 0 8

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा यह शब्द आपने कई बार पढ़ा सुना देखा होगा l बात करते हैं आज इसी शब्द की क्योंकि हमारे सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरदीप सिंह डंग के पास यही मंत्रालय है l कमलनाथ सरकार गिरने के बाद कांग्रेस से भाजपा में आए हरदीप सिंह डंग को यह मंत्रालय मिला है l

आप अनवीकरणीय या समाप्त हो जाने वाले ऊर्जा स्रोतों के बारे में पहले से ही जानते हैं। हम सभी अधिकतर अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला, तेल एवं प्राकृतिक गैस आदि पर काफी ज्यादा निर्भर रहते हैं। लेकिन हम यह भी जानते हैं कि ये संसाधन प्रकृति में सीमित हैं और एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब ये हमेशा के लिये लुप्त हो जाएँगे। इससे पहले कि इनकी कीमतें काफी बढ़ जाएँ और यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुचाएँ, देर सबेर हमें वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के बारे में सोचना ही होगा जो नवीकरणीय हैं और कभी खत्म न होने वाले हैं।

आइए जानते हैं क्या होते हैं नवीकरणीय ऊर्जा

नवीकरणीय उर्जा या अक्षय उर्जा (अंग्रेजी:Renewable Energy) में वे सारी उर्जा शामिल हैं जो प्रदूषणकारक नहीं हैं तथा जिनके स्रोत का क्षय नहीं होता, या जिनके स्रोत का पुनः-भरण होता रहता है। जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत उर्जा, ज्वारीय उर्जा, बायोमास, जैव इंधन आदि नवीकरणीय उर्जा के कुछ उदाहरण हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ न केवल ऊर्जा प्रदान करती हैं, बल्कि एक स्वच्छ पर्यावरण और अपेक्षाकृत कम शोरगुलयुक्त ऊर्जा स्रोत भी प्रदान करती हैं।

कुसुम योजना

कुसुम योजना कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए इस 90% तक सब्सिडी दी जाती है. इसमें केंद्र और राज्य सरकारें 30-30% सब्सिडी और देती हैं और बाकि 30% बैंकों द्वारा लोन लिया जा सकता है.देश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ता है. जिसका सीधा असर खेती और सिंचाई में आता है. इससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ता है. हर किसान सिंचाई के लिए महंगे साधनों का उपयोग नहीं कर सकता. डीजल के बढ़ते दाम के चलते सभी किसानों के लिए इन साधनों का उपयोग करना आसान नहीं. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से सिंचाई के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं l ऊर्जा मंत्रालय द्वारा की गई थी. इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 30% राज्य सरकार की तरफ से 30% और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से 30% की सब्सिडी दी जाती है. सिर्फ 10% ही इसमें किसानों को देना होता है. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि किसानों का बिजली और डीजल का खर्च नहीं होता है और बिजली के ऊपर निर्भरता भी कम होती है. इससे खेती की लागत काफी हद तक कम होती है. l इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी आवश्यकता पूरी करने के बाद बची हुई बिजली बेच भी सकता है

यह एक सुखद पहलू है कि हमारे क्षेत्र के विधायक इस विद्या के मंत्री हैं परंतु मंत्री हरदीप सिंह डंग द्वारा अपने विभाग के अंतर्गत क्षेत्र में कोई ज्यादा काम किया हुआ दिखाई नहीं पड़ता है l यहां तक कि विधानसभा के नागरिकों ने कैबिनेट मंत्री कि विभाग के बारे में चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी रखने में कोई रुचि नहीं रहते हैं l यहां के स्थानीय नेता को छोटी-छोटी समस्या के लिए मंत्री जी को बात पहुंचा सकते हैं, परंतु उनके विभाग जिनमें वह बड़े-बड़े काम कर सकते हैं उसके बारे में किसी भी स्थानीय नेता ने आज तक मंत्री डंग से कोई मांग नहीं की है lकितने खेत है जहां पर सोलर ऊर्जा चालित पंप चल रहे हैं..?

कितने शासकीय विभाग हैं जिनकी छतों पर सोलर पैनल लगाकर उनकी विद्युत आपूर्ति स्वयं के द्वारा की जा रही है..? कितनी नगर एवम ग्रामीण क्षेत्र हैं सुवासरा विधानसभा में जो सोलर ऊर्जा से प्रकाशमान हो रहे हैं पूरा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अभी भी परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर ही काम कर रहा है कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग द्वारा लोगों की मांगों को पूरा कर अच्छे काम किए गए हैं शामगढ़ में अंडर ब्रिज से लगाकर सैकड़ों ऐसे काम है जो उनके द्वारा किए गए हैं परंतु उनके विभाग का मूल कार्य सुवासरा विधानसभा में अभी तक देखने को नहीं मिला है lवर्तमान में सुवासरा विधानसभा में दो सोलर प्लांट एक रुणीजा के पास एवं एक सीतामऊ के पास लगा हुआ है इसके साथ ही पूर्व में लगी हुई पवन चक्कीया है l परंतु लोगों के निजी घरों में नगर परिषदों में ग्राम पंचायतों में खेतों में अभी भी इस विधा में बहुत काम करने की गुंजाइश है

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