(कैलाश विश्वकर्मा)
ईरान द्वारा कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य बेस अल-उदीद एयरबेस पर किए गए मिसाइल हमले पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। UAE ने हमले को कतर की संप्रभुता और उसके हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया है।
UAE ने जताई एकजुटता
विदेश मंत्रालय (MoFA) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि UAE कतर राज्य की सुरक्षा और उसके नागरिकों एवं निवासियों की सुरक्षा के लिए किए गए सभी उपायों में उसके साथ पूरी एकजुटता व्यक्त करता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस तरह की उकसाने वाली कार्रवाइयों से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और ये पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।
ट्रंप का बयान: ‘ईरान ने कमजोर जवाब दिया’
इस घटनाक्रम पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा,
> “ईरान ने हमारे द्वारा उसके परमाणु प्रतिष्ठानों को नष्ट करने के जवाब में बेहद कमजोर प्रतिक्रिया दी है, जिसकी हमें पहले से ही उम्मीद थी।”
ट्रंप ने बताया कि ईरान ने कुल 14 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 13 को इंटरसेप्ट कर गिरा दिया गया, जबकि एक मिसाइल को छोड़ दिया गया क्योंकि वह “गैर-खतरनाक दिशा में जा रही थी”। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कोई भी अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ।
ट्रंप ने ईरान को पहले से सूचना देने और जीवन की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि अब क्षेत्र में शांति और सद्भाव की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने इज़राइल से भी संयम बरतने की अपील की।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब ईरान और इज़राइल के बीच तनाव चरम पर है और मध्य-पूर्व क्षेत्र पहले से ही अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। UAE और कतर का एक-दूसरे के साथ खड़ा होना क्षेत्रीय राजनीतिक संतुलन में अहम भूमिका निभा सकता है।


