जबलपुर, 15 जून 2025
रेलवे क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की पहल को बढ़ावा देते हुए पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने डिजिटल और कैशलेस लेनदेन के माध्यम से जबरदस्त उपलब्धि हासिल की है। तीनों मंडलों — जबलपुर, भोपाल और कोटा — में यात्रियों द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन के जरिये टिकट बुकिंग और पार्सल बुकिंग की जा रही है, जिससे रेलवे ने मई 2025 में 13.23 लाख यात्रियों से ₹10.31 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया है।


🔢 डिजिटल लेनदेन से कमाई का ब्योरा
पश्चिम मध्य रेलवे ने पीआरएस (Passenger Reservation System), यूटीएस (Unreserved Ticketing System), और पार्सल कार्यालयों में POS मशीन, भीम/यूपीआई और मोबाइल टिकटिंग ऐप के माध्यम से डिजिटल भुगतान की सुविधा को सफलतापूर्वक लागू किया है।
माध्यम | यात्रियों की संख्या | प्राप्त राजस्व |
---|---|---|
POS मशीन (पीआरएस) | 2,818 यात्रियों | ₹16.56 लाख |
भीम/यूपीआई (पीआरएस) | 92,875 यात्री | ₹4.17 करोड़ |
मोबाइल टिकटिंग (यूटीएस) | 6.35 लाख यात्री | ₹1.40 करोड़ |
भीम/यूपीआई (यूटीएस) | 5.91 लाख यात्री | ₹4.57 करोड़ |
🔐 डिजिटल भुगतान के फायदे
- नकदी की आवश्यकता खत्म – यात्रियों को नगद लेकर चलने की जरूरत नहीं
- समय की बचत – काउंटर पर लंबी लाइनें नहीं लगती
- सुरक्षा – डिजिटल ट्रांजेक्शन पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड और ऑथेंटिकेटेड होते हैं
🚆 तकनीक से रेल सेवा में क्रांति
पश्चिम मध्य रेल ने तीनों मंडलों — जबलपुर, भोपाल और कोटा — में करीब 45 पीओएस मशीनें लगाकर आधुनिक कैशलेस प्रणाली को सुदृढ़ किया है। इसके साथ ही मोबाइल टिकटिंग और यूपीआई जैसे विकल्पों से यात्रियों को सरल और सुरक्षित टिकटिंग अनुभव दिया जा रहा है।
📈 डिजिटल ट्रांजेक्शन में निरंतर बढ़ोतरी
रेलवे प्रशासन द्वारा लगातार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे न केवल राजस्व बढ़ रहा है, बल्कि सिस्टम भी पारदर्शी बन रहा है। यह भारतीय रेलवे की डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में एक मजबूत कदम है।
📌 निष्कर्ष
डिजिटल रेलवे अब यात्रियों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। पश्चिम मध्य रेलवे की यह पहल अन्य जोन के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है, जहाँ तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा को एकसाथ साधा जा रहा है।
