सिद्धार्थनगर जिले के लोटन कोतवाली क्षेत्र के भिटपरा ग्राम पंचायत के बरगदवा गांव में रहने वाले 38 वर्षीय अनिल राजभर की हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। मुंबई में काम करने वाले अनिल, चार महीने बाद 15 दिसंबर को खुशी-खुशी घर लौट रहे थे। लेकिन घर पहुंचने से पहले ही उनकी जिंदगी का अंत हो गया।
बदमाशों का पीछा और अनिल की चेतावनी
अनिल राजभर सुबह अंत्योदय ट्रेन से मुंबई से सिद्धार्थनगर के लिए रवाना हुए। उन्होंने सफर के दौरान परिवार से बात की और अपनी पत्नी को बताया कि कुछ बदमाश उनका पीछा कर रहे हैं। अनिल ने डर जताते हुए अपनी पत्नी को बदमाशों की फोटो भी भेजी और कहा, “अगर मुझे कुछ हो जाता है तो इन्हें छोड़ना मत।”
शामगढ़ स्टेशन के पास मिला शव
16 दिसंबर को मध्य प्रदेश के शामगढ़ थाने से अनिल के परिवार को सूचना मिली कि रेलवे ट्रैक पर एक शव मिला है। शव के पास मिले आधार कार्ड और मोबाइल से उसकी पहचान अनिल राजभर के रूप में हुई। शव की हालत इतनी खराब थी कि सिर और एक हाथ गायब थे। अनिल के बड़े भाई ने कपड़ों और बाकी शरीर के हिस्सों से उनकी पहचान की।
परिजनों की कार्रवाई की मांग
अनिल की हत्या से गुस्साए परिजन भेजी गई तस्वीर में मौजूद लोगों को दोषी मान रहे हैं। उनका आरोप है कि अनिल ने अपनी जान को खतरा पहले ही बता दिया था, लेकिन उसके बावजूद उनकी हत्या कर दी गई। परिवार वालों ने प्रशासन से इन हत्यारों को ढूंढकर सख्त सजा देने की मांग की है।
क्या प्रशासन दिला पाएगा न्याय?
अनिल की हत्या ने रेलवे सुरक्षा और यात्री सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और परिजन दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और न्याय की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर चर्चा तेज हो गई है।