
भारतीय रेलवे अब अपने यात्री आरक्षण प्रणाली (Passenger Reservation System – PRS) को एक आधुनिक, तेज़, बहुभाषी और सुरक्षित प्रणाली में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह नई प्रणाली एक मिनट में 1.5 लाख से अधिक टिकट बुक करने की क्षमता रखेगी, जो वर्तमान प्रणाली (32,000 टिकट प्रति मिनट) की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक होगी।

रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि यह अपग्रेड यात्रियों को एक सहज, पारदर्शी और स्मार्ट टिकटिंग अनुभव प्रदान करेगा।
🔷 प्रमुख सुधार बिंदु: नई यात्री आरक्षण प्रणाली
- टिकट बुकिंग क्षमता:
वर्तमान 32,000 टिकट प्रति मिनट से बढ़ाकर 1.5 लाख टिकट प्रति मिनट। - टिकट पूछताछ क्षमता:
4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख प्रति मिनट की जाएगी। - बहुभाषी इंटरफेस:
बुकिंग और पूछताछ के लिए बहुभाषी और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस लागू किया जाएगा। - सीट चयन व किराया कैलेंडर:
यात्री अपनी पसंदीदा सीट चुन सकेंगे व किराया कैलेंडर देख सकेंगे। - विशेष श्रेणी सुविधाएं:
दिव्यांगजनों, विद्यार्थियों, रोगियों आदि के लिए एकीकृत सुविधाएं।
🕘 चार्टिंग में बड़ा बदलाव: वेटलिस्ट की अनिश्चितता होगी कम
अभी तक ट्रेन के प्रस्थान से 4 घंटे पूर्व चार्टिंग होती थी, जिससे वेटलिस्टेड यात्रियों को समय पर जानकारी नहीं मिल पाती थी। नई योजना के तहत:
- दोपहर 2 बजे से पहले प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट
पिछली रात 9 बजे तक तैयार किया जाएगा। - इससे यात्रियों को समय रहते कंफर्मेशन का पता चल सकेगा, जिससे वैकल्पिक योजना बनाना आसान होगा।
🔐 “तत्काल टिकट” बुकिंग में अब मजबूत प्रमाणीकरण प्रणाली
1 जुलाई 2025 से IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए केवल सत्यापित उपयोगकर्ता ही पात्र होंगे।
- प्रमाणीकरण:
आधार कार्ड या डिजिलॉकर से जुड़े किसी भी वैध सरकारी दस्तावेज के ज़रिए। - OTP आधारित वेरिफिकेशन:
जुलाई 2025 के अंत तक लागू किया जाएगा।
इससे टिकटों की ब्लैकिंग और बॉट्स द्वारा बुकिंग की समस्याओं पर लगाम लगेगी तथा पारदर्शिता व सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
🛠️ नई पीआरएस प्रणाली का क्रियान्वयन
- इस परियोजना पर कार्य रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (CRIS) द्वारा किया जा रहा है।
- दिसंबर 2025 तक यह नई पीआरएस प्रणाली पूरी तरह से तैयार और कार्यरत हो जाएगी।
🗣️ रेल मंत्री का दृष्टिकोण
रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि रेलवे की नई प्रणाली यात्री-केंद्रित, पारदर्शी और आधुनिक होगी। टिकट आरक्षण से लेकर यात्रा तक हर पड़ाव को यात्री के लिए सुगम बनाया जाएगा।
✅ निष्कर्ष: भारतीय रेलवे का यह कदम यात्री सुविधा और टेक्नोलॉजी के समावेश का बड़ा उदाहरण
रेलवे की यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से भारत को आगे ले जाएगी बल्कि आम यात्रियों को भी सुलभ, तेज और विश्वसनीय सेवा प्रदान करेगी। आने वाले समय में यह बदलाव भारतीय रेलवे के इतिहास में टिकटिंग सिस्टम की सबसे बड़ी क्रांति साबित हो सकता है।
