संभागीय उपायुक्त से लेकर जिले के अधीनस्थ अफसरों / कर्मचारियों के साथ था गुप्ता का विवाद
पूर्व में रीवा डीसी आलोक खरे ने भी पीएस को दिए अपने प्रतिवेदन में ठहराया था गुप्ता को जिले की पदस्थापना के लिए अयोग्य
रीवा/भोपाल। आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव के रूप में दबंग महिला अधिकारी दीपाली रस्तोगी पदस्थ है और महिला अधिकारियों की फील्ड में पदस्थापना को प्रमुख सचिव ने व्यक्तिगत स्तर पर प्राथमिकता दी है ऐसा माना जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप पहले सीमा कश्यप जिला आबकारी अधिकारी मंडला निलंबित हुई और अब उमरिया की जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता लोकायुक्त के शिकंजे में जा फंसी।
हालांकि रीवा संभाग के उमरिया जिले की आबकारी मुखिया की शिकायतों का अंबार जिले से लेकर प्रमुख सचिव वाणिज्यकर तक लगा हुआ है, जिले में ई-आबकारी सिस्टम के कार्यपालन में डीईओ गुप्ता की ई-आबकारी प्रभारी व उपायुक्त रीवा आलोक खरे द्वारा विभागीय जांच भी बैठाई जा चुकी है। मगर दबंग पीएस की आंखों के धूल झोखने और अपनी लापरवाही को मजबूरी का नाम देने वाले अफसरों के कारण सरकार के सबसे ज्यादा तयशुदा सुरक्षित राजस्व देने वाले आबकारी विभाग का नाम आज सबसे भ्रष्ट विभागों की सूची में आता है।
इसके अलावा हाल ही में उज्जैन संभाग से भोपाल संभाग के एक जिले में हालिया पदस्थ हुई महिला आबकारी अफसर के जिला प्रमुख बनते ही क्षेत्रीय राजनेताओं के द्वारा अवैध शराब बिक्री और तस्करी सहित औद्योगिक क्षेत्र में शराब दुकान का गैर कानूनी संचालन आदि संबंधी शिकायत लिखित में की गई है। जिस कारण आबकारी विभाग की कार्यशैली और जिला आबकारी प्रमुख की कार्यक्षमता पर भी सवाल उठना लाजमी है। वही हाल में कम मलाईदार नरसिंहपुर जिले में हुई पदस्थापना से नाखुश एक महिला अधिकारी ने लंबे वक्त तक जिले में ज्वाइनिंग न देकर ईमानदार पीएस को आंख दिखाने का दुस्साहस भी किया है।
महिला आबकारी अफसरों की ही बात करे तो कुछ अधिकारी ऐसे भी है जिन्होंने विभाग के नाम को अपनी कार्यक्षमता और कौशल से चमकाया है जिसमे रतलाम जिले की सहायक आबकारी आयुक्त नीरजा श्रीवास्तव अपने ईमानदार
रवैया अपनाने के कारण जानी जाती है वही हाल ही में मुरैना से शाजापुर पदस्थ की गई निधि जैन भी इस सूची में शामिल है,जिन्होंने चंबल जैसे क्षेत्र में आबकारी अधिनियम के तहत कई बड़े प्रकरण कायम किए। वहीं एक और अफसर के मामले में भिंड का असर कहें या पूर्व अनुभव यहां से हालिया झाबुआ भेजी गई जिला आबकारी अधिकारी बसंती भूरिया ने आते ही शराब के अवैध परिवहन को लेकर धुंआधार कार्यवाहियां करनी शुरू कर दी, जिससे माहौल कुछ ऐसा बना जैसा विभागीय सूत्रों ने बताया की उन्हे संभाग के अन्य कम सक्रिय जिलों के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही को धीमा करने की समझाइश मिल गई।
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