भोपाल। विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश कांग्रेस एक के बाद एक बड़े ऐलान कर रही है। इसी क्रम में पूर्व सीएम कमलनाथ ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। पीसीसी चीफ ने कहा कि एमपी में सरकार बनते ही कांग्रेस कृषि न्याय योजना लाएगी। इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त बिजली के अलावा कई सुविधाएं दी जाएगी । पूर्व सीएम कमलनाथ ने बुधवार को पीसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘प्रदेश में किसानों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश का किसान कमजोर हो रहा है। हमने 15 महीने की सरकार में पहली किस्त में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। बीजेपी कहती है कि हम ब्याज माफ कर रहे हैं। सवाल ये है कि कर्ज का क्या हुआ? कर्ज पर ब्याज तो लगातार चलता रहेगा। आज किसान बीज और खाद के लिए भटक रहा है। किसान आंदोलन करता है तो मुकदमा, लाठी और जेल मिलती है।
कमलनाथ ने ऐलान करते हुए कहा, ‘सरकार में आने पर कांग्रेस कृषि न्याय योजना लाएगी। हमारा लक्ष्य इनपुट कॉस्ट काम करने और किसानों को लाभ दिलाने का है। इस योजना के साथ हम कर्जमफी योजना भी चलाएंगे। यह योजना खेती का लागत कम करने के लिए है। योजना के तहत पांच हॉर्सपावर की सिंचाई पर निशुल्क बिजली दी जाएगी। इस योजना के तहत प्रदेश के 37 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं किसानों का पहले का बिजली बिल जो बकाया है हम उसे भी माफ करेंगे।’
कमलनाथ ने आगे कहा, ‘ हमारा नारा था, सौ रुपए की बिजली माफ, दो सौर रुपए हाफ। अब इसे आगे बढ़ाते हुए हमने कृषि न्याय योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत “खेत खलिहान का बिजली माफ, किसान का बकाया माफ और मुफ्त बिजली का रास्ता साफ” हमारा नारा होगा। कांग्रेस किसानों को प्रयाप्त बिजली मुहैया कराने के लिए संकल्पित है। सरकार आते ही प्रदेश किसानों पर जितने आपराधिक मामले हैं हम उन्हें वापस लेंगे । कमलनाथ ने कहा कि, ‘मध्य प्रदेश का किसान और आमजन महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को अंधकार युग में धकेल दिया है। जो शिवराज विपक्ष में रहकर कहते थे कि बिजली के बिल मत चुकाना, मामा है ना और कहते थे कि इनवर्टर मत खरीदना, आज उन्हीं मामा जी ने मध्य प्रदेश को इनवर्टर की जगह जनरेटर युग में धकेल दिया है। गांव में बिजली आती नहीं है, गिरती जरूर है। मामा की बिजली किसानों के ऊपर गिर रही है, लेकिन किसानों की मोटर नहीं चल रही है। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज-व्यवस्था खेती पर टिकी है, जिसका आधार स्तंभ हमारे किसान भाई हैं। लेकिन किसान भाइयों का सम्मान करने के बजाय शिवराज सरकार ने 18 साल में किसानों के साथ अन्याय किया है । कमलनाथ ने आगे कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के सामने रीवा के कार्यक्रम में झूठी घोषणा कर दी कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी दुगनी से अधिक हो गई है, जबकि सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी पहले से और कम हो गई है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में यह बताया है कि मध्य प्रदेश देश के उन 4 राज्यों में शामिल है जिसके किसानों की आमदनी बहुत अधिक घट गई है। वर्ष 2015-16 में जो आमदनी 9740 रूपये प्रति माह थी, वह घटकर 8339 रूपये प्रति माह रह गई है। देश के सभी बड़े राज्यों में आमदनी के मामले में मध्य प्रदेश के किसान बहुत नीचे है ।