
कोटा, 28 मई 2025 — प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने भारतीय रेलवे को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए दो बड़ी मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू की जाएंगी और इससे देश के रेल नेटवर्क की लाइन क्षमता, माल परिवहन क्षमता और यात्रा सुविधा में व्यापक सुधार होगा।

दो प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं जिन्हें मिली स्वीकृति
- रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन (मध्य प्रदेश)
- वर्धा-बल्हारशाह चौथी रेल लाइन (महाराष्ट्र)
इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग ₹3,399 करोड़ रुपये आंकी गई है और इन्हें वर्ष 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पीएम-गति शक्ति योजना के तहत रेलवे नेटवर्क का विस्तार
इन योजनाओं को पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत स्वीकृति मिली है, जिसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। इन परियोजनाओं के तहत रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ेगा और ये महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के चार जिलों को सीधे लाभ पहुंचाएंगी।
इन परियोजनाओं से लगभग 784 गांवों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिनकी कुल जनसंख्या करीब 19.74 लाख है।
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और व्यापारिक सुगमता को मिलेगा बढ़ावा
यह मल्टीट्रैकिंग विकास कोयला, सीमेंट, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पादों और पेट्रोलियम उत्पादों के माल परिवहन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। परियोजनाओं के पूरा होने से रेलवे को अतिरिक्त 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की माल ढुलाई क्षमता प्राप्त होगी।
इससे लॉजिस्टिक्स लागत में उल्लेखनीय कमी, माल ढुलाई में तेजी और उद्योगों को समय पर आपूर्ति की सुविधा मिलेगी, जिससे व्यापारिक वातावरण को मजबूती मिलेगी।
तेल आयात में भारी कटौती और CO2 उत्सर्जन में कमी
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इन परियोजनाओं से:
- 20 करोड़ लीटर पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में कमी आएगी।
- 99 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती होगी, जो कि लगभग 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
- रेल परिवहन और अधिक पर्यावरण-अनुकूल व ऊर्जा कुशल बनेगा, जो भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा।
रोजगार के अवसर और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिनों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
यह विकास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “नए भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
यात्री सुविधा और सेवा विश्वसनीयता में होगा सुधार
बढ़ी हुई लाइन क्षमता के कारण:
- ट्रेन संचालन अधिक गतिशील, समयबद्ध और निर्बाध होगा।
- यात्रियों को बेहतर सुविधा, समय पर पहुंच और सुगम यात्रा अनुभव मिलेगा।
- भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्वीकृत ये दोनों रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं न केवल यात्री और माल परिवहन को सशक्त बनाएंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन, और देश की लॉजिस्टिक दक्षता को भी नए आयाम पर ले जाएंगी। ये पहलें भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत नींव सिद्ध होंगी।
