राजेश चौधरी
मंदसौर। @यशस्वी दुनिया(राजेश चौधरी) मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को एक मेल चीते की मौत हो गई. इसका नाम सूरज था। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक सूरज की मौत का सही कारण पता नहीं चल सका है। चीता ‘सूरज’ को कुछ दिन पहले ही बाड़े से खुले जंगल में आजाद कर दिया गया था। नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे जिनमे से अब तक 5 व्यस्क और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। इससे पहले मंगलवार को मेल चीते तेजस की मौत हुई थी। इसके बाद अब कूनो में 15 व्यस्क चीते और एक शावक स्वस्थ अवस्था में है।
अफ़्रीकी चीतों को कुनो से गांधीसागर लाने की तैयारी –
कूनो में चीतो की लगातार मौत के बाद सरकार के कान खड़े हो गए हैं लगातार हो रही मौतों से वन विभाग सहित सरकार चिंता में है l वही कई दिनों से चीता पुनर्वास एक्शन प्लान के अंतर्गत गांधी सागर में चीतो को बसाए जाने की भी खबरें चल रही है। माना जा रहा है कि कूनो से ज्यादा मुफीद जलवायु एवं भूमि गांधी सागर अभयारण्य में उपलब्ध है। गांधीसागर का जंगल लगभग 368 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसके आसपास 2,500 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र है जिसमे लगभग 68 वर्ग किलोमीटर में चीता परियोजना में अंतर्गत तार का बाड़ा बनाने के लिए काम शुरू हो गया है। सबकुछ सही रहा तो साल के अंत तक चीतों को कूनो से गांधी सागर स्थानांतरित किए जाने की संभावना है।
कुनो नेशनल पार्क के वन्यजीव वार्डन ने बताया कि अधिकारी मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क से कुछ अफ्रीकी चीतों को मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि स्थानांतरित किए जाने वाले चीतों की संख्या अभी तय नहीं की गई है। लेकिन कुछ चीतों को साल के अंत तक यहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
