VIDEO में पीड़ित युवक कह रहा है- मैं मियां भाई भी बनने के लिए तैयार हूं।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मामले पर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
क्या है VIDEO में…
पीड़ित घुटनों के बल बैठा हुआ है। गले में पट्टा (बेल्ट) बंधा है। एक आरोपी बेल्ट खींचकर उसका गला कसते हुए कहता है- ‘कुत्ता बन, बोल भाई सॉरी….।’युवक कहता है- ‘साहिल भाई मेरे बाप हैं, मेरे भाई के बड़े भाई हैं।
‘आरोपी कहता है- ‘बोल, फैजान भाई मेरे भीपापा हैं
।’युवक कहता है- ‘फैजान भाई मेरे भाई हैं। मेरी मां, उनकी भी मां है। उनकी मां, मेरी मां हैं ।
इतने में एक अन्य आरोपी कहता है- ‘ये कैसी हरकतें कर रहा तू…, मैंने तेरा क्या किया था।’युवक जवाब में कहता है- ‘साहिल भाई, अपनी मां की कसम मैंने आपसे सॉरी बोल तो दिया है स्टोरी पर, देखो न…।’बेल्ट पकड़े आरोपी कहता है- ‘कुत्ते की तरह भौंक।’
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों का जुलूस भी निकाला। साथ ही प्रशासन ने आरोपियों के घर का अतिक्रमण भी तोड़ने की कार्रवाई की।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘हमने 24 घंटे में कार्रवाई करने की बात कही थी। 6 घंटे के अंदर आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया। ऐसी घृणित मानसिकता वाले लोग… ऐसी घृणित सोच को हम कुचलने का काम करेंगे। भोपाल में वो कार्रवाई हो, जो पूरे मध्य प्रदेश के लिए नजीर बने।’
भोपाल में जिस युवक के गले में पट्टा डालकर उसके साथ मारपीट की गई। धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। वह इस घटना के बाद से करीब 40 दिन तक प्रताड़ित होता रहा। शिकायत करने थाने गया तो वहां सबूत मांगा। इधर आरोपी लगातार धमकाते रहे थे, वीडियो वायरल करने के नाम पर रुपयों की डिमांड करते रहे। आखिरकार पीड़ित ने किसी तरह आरोपियों से वीडियो हासिल कर खुद ही उसे वायरल कर दिया। तब कहीं जाकर ये मामला सामने आया।
आखिर क्या हुआ था 9 मई की उस रात को क्यों आरोपियों ने युवक के साथ ऐसा सलूक किया। इस पर दैनिक भास्कर ने पीड़ित विजय रामचंदानी से बात की, तो उसका दर्द छलक आया। पढ़िए पूरी कहानी विजय की जुबानी…
‘9 मई की रात करीब 12.30 बज रहे होंगे। मैं और मेरा दोस्त शाहरुख एक शादी कार्यक्रम से लौट रहे थे। शाहरुख टीला जमालपुरा में फूटा मकबरा के पास रहता है। मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया। उसके बाद मैं आगे बढ़ ही रहा था कि पीछे से समीर, फैजान खान और एक दोस्त (आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसका नाम नहीं लिखा है।) गाड़ियों से आए। उन्होंने मुझसे एक्टिवा की चाबी छीन ली। जेब में हाथ डालकर दोनों मोबाइल भी निकाल लिए। फिर तीनों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया।
मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही फैजान ने पेंट की जेब में हाथ डालकर मेरे रुपए निकाल लिए। मैं चुप रहा, उन लोगों ने मुझे दोबारा पीटना शुरू कर दिया। मैंने उन्हें पुलिस में शिकायत की बात कही तो वो और भड़क गए। कहने लगे- पुलिस में शिकायत की धमकी देता है। तभीउनका एक और साथी मुफीद भी वहां पहुंच गया।
इसके बाद समीर और फैजान मुझे अपनी टू व्हीलर पर बैठाकर पीजीबीटी कॉलेज ग्राउंड ले गए। यहां उन्होंने अपने दो और साथियों साहिलउद्दीन और बिलाल को भी बुला लिया।
मेरे गले में कुत्ता बांधने वाला पट्टा डाला, बोले- मियां भाई बन
पीजीबीटी कॉलेज ग्राउंड पर उन्होंने मुझे लात-घूंसों से पीटा। मेरे गले में कुत्ता बांधने वाला पट्टा डालकर मुझे नीचे गिरा दिया। मुझे बोले कुत्ता बन, कुत्ते की तरह भौंक। कहने लगे मियां भाई बनो। बड़े का खाओ।
मैं गिड़गिड़ाता रहा। वह नहीं माने। मेरे मुंह में पैरों से मारना शुरू कर दिया। मैं मजबूर था। वह छह लोग थे और मैं अकेला। उनकी बात मानने के अलावा मेरे पास दूसरा रास्ता नहीं था। मजबूरन कहा बताओ, क्या कहना है ? क्या करना है ? मैं करने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि मियां भाई बनने को तैयार हूं, यह कहो। इसका वीडियो बनाने के बाद छोड़ देंगे। वीडियो नाबालिग दोस्त ने बनाया।’
मेरे बड़े भाई को फोन पर गालियां दी…
मुझसे मारपीट करने के दौरान फैजान और मोहम्मद समीर ने मेरे बड़े भाई लोकेश उर्फ लक्की का नंबर पूछा। नंबर बताने पर मोहम्मद समीर ने उन्हें कॉल किया। फोन को स्पीकर कर रखकर कहा- तेरे छोटे भाई को 80 थप्पड़ मारे हैं। अभी और मारेंगे।
मेरे भैया ने उनसे कहा- उसे मत मारो। पिताजी की मृत्यु के बाद से वह डिप्रेशन में है। बताओ कहां आना है, मैं आ जाता हूं। मुझे पीट लो। इस पर मोहम्मद समीर ने कहा- ठीक है। थोड़ी देर बाद विज्जू (विजय रामचंदानी) को छोड़ देंगे। इसके बाद उन्होंने मुझे और मेरे परिवार वालों को गंदी-गंदी गालियां दी।
करीब 20 मिनट तक मिन्नत करने के बाद फैजान ने मुझे मेरी गाड़ी की चाबी वापस दे दी। उस दिन रात करीब ढाई बजे रोता हुआ घर पहुंचा। घर पर बूढ़ी मां के अलावा कोई नहीं था।
सोर्स दैनिक भास्कर