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मुसलमान भक्त की मजार पर आकर रूक जाती है भगवान जगन्नाथ जी का रथ जानिए कौन है वो भक्त

1 year ago 0 17

(यशस्वी दुनिया)

शीर्षक सुनकर आप कहेंगे क्या ये सच है..? पर जी हां यह सच है..!! प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ जी का रथ अपने मंदिर से चलकर गुड़ीचा अपनी मौसी के घर तक जाता है, रास्ते में एक मुस्लिम भक्त सालाबेग की मजार के सामने आकर रथ रुक जाता है l

ऐसा आज से नहीं 400 वर्षों से हो रहा है साल बेग की भक्ति की कहानी 400 वर्ष पुरानी है,अपने शरीर पर हो रहे घाव को लेकर अपनी ब्राह्मण मा द्वारा सालबेग को कहा गया कि भगवान जगन्नाथ इसे ठीक करेंगे तो भक्त अपने भगवान को दर्शन को चल दिया परंतु मंदिर से दो किलोमीटर पहले ही तबियत बिगड़ने के कारण वहीं रुक गया.. और कहां कि भगवान अब मुझसे इससे आगे न आया जाएगा भगवान से प्रार्थना करें मेरी भक्ति में शक्ति है तो भगवान मुझे यही आकर दर्शन देंगे l उसी समय भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकल रही थी l भक्त सालबेग को देखकर भगवान जगन्नाथ का रथ अपने आप रुक गया जबकि भाई बलभद्र एवं देवी सुभद्रा कर चलता रहा जगन्नाथ का रथ हाथियों से खींचने पर भी नहीं चला जब तक सालबेग को प्रभु ने दर्शन नही दे दिए l प्रभु जगन्नाथ की कृपा से साल बाद ठीक हो गए इसके बाद साल बैग ने जीवन भर भगवान जगन्नाथ के मंदिर के बाहर भक्ति की एवं कविताएं तथा भक्ति के गीत लिखे जो आज भी उड़ीसा में गाए एवं सुने जाते हैं
मंदिर के बाहर बैठकर साल बैग ने वर्षों भगवान जगन्नाथ की भक्ति की मुस्लिम होने के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं होने दिया l
कौन था सालबेग
सालबेग के पिता लालबेग औरंगजेब की सेना में सैनिक थे उन्होंने एक ब्राह्मण सुंदर विधवा स्त्री को देखकर जबरदस्ती शादी की l सालबेग इन्हीं की संतान थेl इस तरह सालबेग में आधे हिंदू आधे मुस्लिम थे l माता भगवान जगन्नाथ के भक्त होने के कारण अपने पुत्र सालवेग को बीमारी हालत में देखकर माता नहीं भगवान जगन्नाथ की भक्ति करने को कहा उनकी भक्ति के किस्से आज भी उड़ीसा में कहे सुने जाते हैं

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