62 दिन चलने वाली यह यात्रा इस साल 1 जुलाई को शुरू होगी और इसका समापन 31 अगस्त 2023 को होगा।
बता दें कि इस बार अमरनाथ यात्रियो को जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बसों के जरिये और सुविधाएं मुहैया करवाने वाला है। यात्री अब मोबाइल से टिकट बुक करने के साथ ही अपनी बस को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकेंगे।
अमरनाथ यात्रा
हर साल अधिकमास या आषाढ़ पूर्णिमा से सावन मास तक की पूर्णिमा के बीच अमरनाथ की यात्रा चलती है। रक्षा बंधन के दिन इस यात्रा का समापन होता है। पवित्र अमरनाथ गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग पूर्ण बने दिखते हैं और इसके बाद पिघलना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अजर अमर होने के रहस्य बताए थे। यह भी प्रसंग है कि इस कथा को वहां बैठे एक कबूतर के जोड़े ने सुन लिया जो आज भी अजर अमर है।
इस कथा को सुनाने के लिए वो अकेले मां पार्वती को सुनाना चाहते थे, इसलिए अपना नाग, नंदी, चंद्रमा सभी को पीछे छोड़ गए थे। इसके बाद भगवान शिव ने आग जलाई और मां पार्वती को अमर होने की कथा सुनाई। बीच-बीच में उन्हें हूं-हूं होने की आवाज आती रही, उन्हें लगा माता पार्वती हुंकार भर रही हैं, लेकिन माता पार्वती नहीं दो कबूतर उनकी कथा सुन रहे थे और बीच में गूटर गू, गुटर गू कर रहे थे। जब कथा समाप्त हुई तो शिवजी ने देखा माता पार्वती तो सो रही हैं और दो कबूतर उनकी कथा सुन रहे हैं, इस पर शिवजी को बहुत गुस्सा आया। उन्होंने कबूतरों को श्राप देना चाहा, लेकिन कबूतर का जोड़ा बोला कि अगर आप हमें मार दोगे तो यह कथा झूठी हो जाएगी। इस पर भगवान शिव ने दोनों को कहा कि तुम इस जगह और कथा के साक्षी रहोगे। तब से इस जगह का नाम भी अमरनाथ पड़ा।