सुवासरा। kailash vishwakarma मंदसौर जिले के सुवासरा में शुक्रवार का दिन तनाव और उथल-पुथल से भरा रहा। स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर मनीष व्यास की आत्महत्या ने पूरे क्षेत्र की राजनीति, प्रशासन और समाज को हिला कर रख दिया है। शनिवार सुबह इस घटना का असर पूरे दिन सुवासरा में देखने को मिला, जब परिजन शव को चौपाटी पर रखकर धरने पर बैठ गए और बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हो गए।


सुसाइड नोट ने खोले गंभीर आरोप
मनीष व्यास द्वारा आत्महत्या से पहले छोड़ा गया सुसाइड नोट मामले की सबसे बड़ी कड़ी बना। इस नोट में सुवासरा निवासी अमजद खान पठान और उसके परिवार द्वारा विभिन्न तरीकों से प्रताड़ित किए जाने, भारी भरकम ब्याज पर पैसे देने, लेनदेन में धोखाधड़ी तथा 54 लाख रुपए लौटाने से इनकार करने का आरोप लगाया गया है।
परिजनों के अनुसार कर्ज के बोझ और ब्याज की राशि चुकाने के लिए मनीष व्यास को अपने घर का सामान तक बेचना पड़ा, जिससे वह मानसिक तनाव में था और अंततः उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
परिजन कार्रवाई से असंतुष्ट, शव लेकर चौपाटी पर बैठे

सुसाइड नोट के आधार पर सुवासरा पुलिस ने गुरुवार देर रात अमजद खान पठान और उसके परिवार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया, लेकिन परिजन इसे पर्याप्त कार्रवाई नहीं मान रहे थे।
यही कारण रहा कि शुक्रवार सुबह 8 बजे, मनीष व्यास के परिजन और हिंदू संगठन के सदस्यों ने शव को सुवासरा चौपाटी पर रखकर धरना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भीड़ बढ़ने के बाद सुवासरा चौपाटी पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई।
प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीतामऊ एसडीएम शिवानी गर्ग, पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग और वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद रहे।
करीब चार घंटे बाद सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बात कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया और मामले को शांत करने का प्रयास किया।

अमजद खान के अवैध निर्माण पर चला बुलडोज़र
परिजनों की प्रमुख मांगों में से एक थी कि अमजद खान का अवैध निर्माण तत्काल ध्वस्त किया जाए।
दबाव बढ़ते ही प्रशासन ने शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे, अमजद खान पठान के चोमेला रोड स्थित अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलाया, जिसके बाद भीड़ ने कुछ देर के लिए राहत महसूस की।
हालांकि परिजन इससे भी पूरी तरह शांत नहीं हुए और अमजद खान के सुवासरा स्थित मुख्य मकान पर भी कार्रवाई की मांग करने लगे। प्रशासन द्वारा समझाइश देने का सिलसिला लगातार जारी रहा।

पांच घंटे तक ठप रहा आवागमन
धरने और प्रदर्शन की वजह से सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सुवासरा चौपाटी क्षेत्र में तीनों ओर —
- मंदसौर रोड,
- शामगढ़ रोड,
- और चोमेला रोड,
पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा।
इसके चलते बड़ी संख्या में वाहनों की कतारें लग गईं। स्थानीय निवासी भी आवाजाही न होने से परेशान दिखे।
भारी सुरक्षा तैनाती
पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रशासनिक अमला सतर्क रहा। मौके पर —
- सीतामऊ SDOP दिनेश प्रजापति,
- सीतामऊ थाना प्रभारी कमलेश प्रजापति,
- सुवासरा थाना प्रभारी अनिल रघुवंशी,
- SDM शिवानी गर्ग,
- और अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी
लगातार मौजूद रहे।
प्रदर्शन स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
परिजन अभी भी अंतिम कार्रवाई की प्रतीक्षा में
अवैध निर्माण पर कार्रवाई के बाद भी परिजन पूर्ण न्याय की मांग पर अड़े हैं और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, उनकी संपत्तियों की जांच तथा निष्पक्ष जांच कमेटी गठित करने की मांग कर रहे हैं।
दोपहर 2 बजे तक धरना स्थल पर भीड़ बनी रही और प्रदर्शनकारी इस बात पर जोर देते रहे कि जब तक प्रशासन सभी मांगों पर स्पष्ट निर्णय नहीं लेता, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
प्रशासन की अगली रणनीति
चूंकि मामला संवेदनशील है, प्रशासन इस घटना को साम्प्रदायिक रंग न लेने देने के लिए लगातार अपील कर रहा है।
अधिकारियों ने कहा है कि—
- निष्पक्ष जांच होगी,
- आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी,
- और किसी भी पक्ष को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
सुवासरा में हालात देर दोपहर तक तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बने हुए थे।
प्रशासन परिजनों की मांगों पर विचार कर रहा है और मामले में आगे की कार्रवाई जल्द होने की संभावना है।
यह घटना न केवल सुवासरा बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग यह देख रहे हैं कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले को किस प्रकार से संभालता है।