HMPV वायरस से देश में सतर्कता बढ़ी: बच्चों पर सबसे ज्यादा असर
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में इस वायरस के दो नए मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 60 साल की महिला और गुजरात के हिम्मतनगर में 7 साल का बच्चा HMPV से संक्रमित पाए गए हैं। इन नए मामलों के साथ ही देश में HMPV के कुल संक्रमितों की संख्या 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने हालात को देखते हुए सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं
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विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी। हालांकि, यह कोविड-19 की तरह सांस के जरिए फैलता है और सर्दी-खांसी जैसे लक्षण पैदा करता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह वायरस छोटे बच्चों, विशेष रूप से 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर अधिक असर डालता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं।
HMPV के मामलों की स्थिति
अब तक HMPV के कुल 11 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में तीन, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो, और पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में एक-एक मामला रिपोर्ट हुआ है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में ताजा मामलों के सामने आने के बाद, राज्यों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।
पंजाब में बच्चों और बुजुर्गों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग को HMPV के मामलों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने भी ICMR और IDSP के माध्यम से वायरस की टेस्टिंग और निगरानी को बढ़ाने का ऐलान किया है।
बच्चों पर वायरस का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उनके लिए यह वायरस गंभीर सांस संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। कमजोर इम्यूनिटी वाले बुजुर्ग भी इसके शिकार हो सकते हैं।
HMPV के लक्षण कोविड-19 और अन्य श्वसन संक्रमणों से मिलते-जुलते हैं। इनमें बुखार, गले में खराश, खांसी और सांस लेने में परेशानी शामिल हैं। कई मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, वायरस का संक्रमण आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में इसे नजरअंदाज करना घातक हो सकता है।
राज्यों और केंद्र की तैयारियां
देश के विभिन्न राज्यों ने HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए हैं। पंजाब सरकार ने विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को मास्क पहनने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है। गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जा रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर संक्रमित मरीजों को अलग रखा जा सके। हरियाणा ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने और सभी संदिग्ध मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भारत में फ्लू जैसी बीमारियों की निगरानी के लिए ICMR और IDSP जैसी एजेंसियां पहले से काम कर रही हैं। इन एजेंसियों के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों पर नजर रखी जा रही है। सरकार ने कहा है कि फिलहाल HMPV से जुड़े मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं देखी गई है।
सरकार ने ICMR की लैब्स में HMPV की टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने और पूरे साल इस वायरस की निगरानी करने का निर्देश दिया है। WHO भी HMPV के प्रसार पर नजर बनाए हुए है और समय-समय पर अपनी रिपोर्ट्स साझा कर रहा है।
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क्या कहती है सरकार?
4 जनवरी को HMPV से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार ने एक बैठक आयोजित की थी। इसमें बताया गया कि सर्दी के मौसम में फ्लू जैसी बीमारियां आम हैं। चीन में बढ़ते HMPV के मामलों पर भी नजर रखी जा रही है। सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि देश किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बचाव के उपाय
HMPV के प्रसार को रोकने के लिए सबसे जरूरी है सतर्कता और जागरूकता। सरकार ने जनता से अपील की है कि बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और मास्क पहनें। हाथों को बार-बार धोने की आदत डालें और फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमण से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत रखना बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और साफ-सफाई का ध्यान रखकर इस वायरस के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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जागरूकता ही है सबसे बड़ा उपाय
HMPV फिलहाल उतना खतरनाक नहीं है कि इसे लेकर घबराया जाए। लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों के प्रति विशेष सतर्कता बरतें। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें जारी हैं। लेकिन, आम जनता का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अपने और अपनों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें, मास्क पहनें, और स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइंस का पालन करें। यही छोटे कदम इस वायरस के खिलाफ सबसे बड़ी ताकत बन सकते हैं।
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