जबलपुर, 14 नवंबर 2024। कुमारघाट-अगरतला रेलखंड पर टिकट चेकिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे दो व्यक्तियों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान हुसैन अली और कौशिक सरकार के रूप में हुई है, जो रेलवे टिकट चेकर की वर्दी पहनकर यात्रियों के टिकट चेक कर रहे थे।
घटना का विवरण
धर्मानगर-अगरतला रेल खंड में चलने वाली पैसेंजर गाड़ियों में संध्या के समय टिकट चेकिंग करते हुए इन फर्जी टिकट चेकरों को पकड़ा गया। हुसैन अली को 05676 धर्मानगर-अगरतला पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों के टिकट की जांच करते हुए देखा गया। ट्रेन में एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के जवान अजीत कुमार सरकार और अंजन पॉल को हुसैन अली की गतिविधियों पर संदेह हुआ।
आरपीएफ कर्मियों ने जब हुसैन अली से पहचान पत्र और प्राधिकार पत्र दिखाने की मांग की, तो उसने पहले खुद को नवनियुक्त टिकट चेकिंग कर्मचारी बताया। लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने कबूल किया कि उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं। दीमापुर के टिकट चेकिंग मस्टर रोल से क्रॉस वेरिफिकेशन के बाद यह पुष्टि हुई कि हुसैन अली रेलवे का कर्मचारी नहीं है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
दूसरे फर्जी टिकट चेकर की गिरफ्तारी
इसी रेलखंड की एक अन्य ट्रेन 05675 डाउन में भी एक और फर्जी टिकट चेकर पकड़ा गया। सीनियर टिकट चेकिंग कर्मचारी सुबर्जित पॉल ने कौशिक सरकार को टिकट चेकिंग करते हुए संदिग्ध पाया। पूछताछ के दौरान कौशिक सरकार ने बताया कि उसे रेलवे में टिकट चेकर की नौकरी मिली है, लेकिन वह किसी प्रकार का पहचान पत्र या अधिकृत दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।
इसके बाद सुबर्जित पॉल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कौशिक सरकार को पुलिस के हवाले कर दिया।
रेलवे सुरक्षा बल की सक्रियता
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की सतर्कता और तत्परता के कारण यात्रियों को इस फर्जीवाड़े से बचाया जा सका। इस मामले में आरपीएफ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों फर्जी टिकट चेकरों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।
इस घटना के बाद रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे टिकट चेकिंग के दौरान केवल अधिकृत रेलवे कर्मचारियों से ही टिकट दिखाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।