नई दिल्ली/श्रीनगर: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली पर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में उबाल ला दिया है। आसिफ ने कहा था कि वे भी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की तरह जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली चाहते हैं। उनके इस बयान पर भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान और कांग्रेस के इरादे और एजेंडा एक जैसे हैं। शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन की बात ने फिर से कांग्रेस को बेनकाब कर दिया है। पिछले कुछ सालों से राहुल गांधी हर भारत-विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं।”
भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के बयान से यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। वे पाकिस्तान के इशारों पर नाच रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की कठपुतली बन गए हैं।”
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्हें (पाकिस्तान को) अपने देश की देखभाल करने दीजिए। मुझे नहीं लगता कि उन्हें हमारे चुनावों पर टिप्पणी करनी चाहिए।”
2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक राज्य में चुनाव कराने का आदेश दिया है। राज्य में कुल 90 सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें 43 सीटें जम्मू और 47 सीटें कश्मीर संभाग में हैं।
चुनावी माहौल के बीच ख्वाजा आसिफ के बयान से जहां एक तरफ कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा कितना प्रभाव डालेगा, यह देखना बाकी है।