रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी, दिल्ली से मुंबई को मिलेगा नया शॉर्ट रूट, बांसवाड़ा को पहली बार रेल से जोड़ा जाएगा

नई दिल्ली/नीमच/बांसवाड़ा/दाहोद | 25 जुलाई KAILASH VISHWAKARMA
आदिवासी बहुल क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। रेल मंत्रालय ने नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार नई रेल लाइन के फाइनल सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की स्वीकृति प्रदान की है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि इस 380 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना से न केवल बांसवाड़ा को पहली बार रेल संपर्क मिलेगा, बल्कि दिल्ली-मुंबई के बीच एक नया और छोटा मार्ग भी उपलब्ध होगा। यह प्रस्तावित रूट आदिवासी बहुल क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
🔶 परियोजना के प्रमुख लाभ:
- बांसवाड़ा को पहली बार रेल कनेक्टिविटी
- दिल्ली से मुंबई के लिए शॉर्ट रूट का निर्माण
- राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के 6 से अधिक जिलों को मिलेगा फायदा
- खनिज-सम्पन्न क्षेत्र से माल ढुलाई की बढ़ेगी संभावना
- पर्यटन, रोजगार और स्थानीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
बांसवाड़ा-दाहोद प्राकृतिक और भौगोलिक रूप से जुड़े हुए
रेल मंत्री ने बताया कि “बांसवाड़ा की भौगोलिक और सामाजिक कनेक्टिविटी दाहोद से है, इसलिए इस रूट को प्रस्तावित किया गया है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम परियोजना के साथ-साथ यह नया रूट इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा।”
बांसवाड़ा अभी तक भारतीय रेल नेटवर्क से अछूता है, जबकि यह क्षेत्र खनिज संसाधनों जैसे मैंगनीज, चूना पत्थर, डोलोमाइट, क्वार्टजाइट, सोना और तांबा से भरपूर है। ऐसे में यह लाइन मालगाड़ी यातायात के लिए भी अत्यंत उपयोगी होगी।
शहादा और अन्य शहरों को भी मिल सकती है जगह
रेल मंत्रालय द्वारा यह भी संकेत दिया गया है कि महाराष्ट्र का शहादा (50,000 से अधिक की आबादी) भी इस रूट में शामिल किया जा सकता है, जिससे यह परियोजना और अधिक व्यापक प्रभाव डालेगी।
तीन राज्यों की प्रगति में सहायक बनेगा यह रूट
इस नई रेल लाइन के माध्यम से राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के पर्वतीय और आदिवासी क्षेत्र सीधे मुंबई-दिल्ली जैसे मुख्य आर्थिक मार्गों से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्रीय परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी और पर्यटन को भी बल मिलेगा।
नई रेल लाइन: रोजगार और पर्यटन के नए अवसर
यह रेल परियोजना न सिर्फ आवागमन आसान करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार, ट्रेड, पर्यटन गाइडिंग, होटल, और परिवहन सेवा जैसे क्षेत्रों में अवसर प्रदान करेगी। साथ ही आदिवासी युवाओं के लिए शिक्षा और चिकित्सा संस्थानों तक पहुंच भी आसान हो सकेगी।
📍 संभावित रूट:
नीमच → बांसवाड़ा → दाहोद → अलीराजपुर → नंदुरबार (ताप्ती लाइन से जुड़ाव)
यह रूट मुंबई-दिल्ली हाई डेंसिटी रेल कॉरिडोर से जुड़ेगा।
