( राजपाल सिंह परिहार)
क्या अपने मजे और आंनद के लिए बीना सुन्न किये कितना दर्द होता है ये देखने के लिए,महिलाओ को गुप्तागों मे कितना दर्द होता है क्या ये आनंद लेने के लिए बीना सुन्न किये महिलाओ के नाजुक अंगों को बीना सुन्न किये चीरा लगाया फिर सीला (टांके लिए) मजा नहीं आया तो फिर बीना सुन्न किये टाँके काटे फिर नसबंदी के ऑपरेशन किये और फिर टांके लिए, गैर मानवीय ही नहीं क्रूरता अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध होना चाहिए, विभागीय जाँच नहीं ब्लाक मेडिकल अधिकारी से लेकर हर कर्मचारी पर f.i.r. कर जैल भेजना चाहिए? महिलाओ के चिल्लाने से जो कोहराम और भय हॉस्पिटल मे फैला जिससे भर्ती अन्य महिलाये अपने हाथो पर लगी सीरीन (बॉटल) को अपने हाथो से निकाल कर हॉस्पिटल छोड़ भाग निकली.
जिन डॉक्टरों को उसी दिन जैल भेज देना था उनपर केवल नाममात्र की जाँच बिठाई गयी, मानवता के नाम पर कलंक, पशुओ के साथ भी क्रूरता पर पशु क्रूरता अधिनियम बना हुआ है जबकी वो बेजुबान होते है , यहाँ महिलाये चीख… चीख… कर कराह ती रही,जिससे हॉस्पिटल मे भर्ती अन्य महिलाये हॉस्पिटल से भाग निकली,सबसे नाजुक अंग और जगह पर होता है नसबंदी का ऑपरेशन डॉक्टरों ने अपने आनंद या ये देखने के लिए की बीना सुन्न किये गुप्तांगो के नजदीक मे चीरा लगाया और टांके लिए और थोड़ी देर बाद फिर बीना सुन्न किये फिर टांके खोले और फिर ऑपरेशन कर के नसबंदी कर फिर टांके लिए गए इस असहनीय दर्द से महिलाये कराह उठी और त्राहिमाम त्राहिमाम चिल्लाने का अनुमान आप लगा ही सकते है, बारह महिलाओ को नसबंदी ऑपरेशन के लिए नारायणगढ़ लाया गया था जिसमे चार महिलाओ के असहनीय दर्द की चीखे सुनकर बाकी सभी हॉस्पिटल छोड़ भाग निकली, और इस ख़तरनाक मंजर का नजारा देखकर नारायणगढ़ स्वस्थ विभाग के कर्मचारियों अधिकारियो मे हसीं मज़ाक और ठिठोलिया उड़ाते लोगो द्वारा देखा गया.
✍️राजपाल सिंह परिहार ✍️
जिला ब्यूरोचीफ, डायरेक्टर राज़ न्यूज़ मंदसौर, मध्यप्रदेश
9109589960,9589411603,9977795524
मामला मंदसौर जिले के नारायणगढ़ स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ के ब्लाक मेडिकल अधिकारी और मेडिकल अधिकारी, जितेंद्र पाटीदार और घनश्याम पाटीदार आये दिन विवादों मे घिरे रहते है कभी सप्ताह मे एक या दो दिन आते है, जिसके चलते CCTV रिकॉर्डिंग मे भी छेड़खानी के आरोप लगते आये है, परन्तु अब उनके सरक्षण मे और मार्गदर्शन मे चार महिलाओ के साथ जो क्रूरता हुयी है उसके लिए उनके विरुद्ध जाँच बिठाने की बजाया मानव क्रूरता अधिनियम के तहत मामला पंजीबंध होना चाहिए परन्तु कई शिकायतों के बावजूद मंदसौर CMHO गोविंद सिंह के चहेते होने के कारण हमेशा बचते आये है, इस संघिन और जानबूझ कर किये कृत्य के सम्बन्ध मे निष्पक्ष जाँच हेतु हमने मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को एक पत्र लिखा है,
✍️राजपाल सिंह परिहार✍️