कोटा, 10 दिसंबर 2024। रेलवे सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए आज पश्चिम मध्य रेलवे, कोटा मंडल ने सुंदलक-बांरा स्टेशनों के बीच मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह मॉक ड्रिल रेलवे कार्मिकों की सजगता, कार्य प्रणाली, और आपदा राहत उपकरणों की कार्यशीलता को परखने के उद्देश्य से की गई।
मॉक ड्रिल का घटनाक्रम
मॉक ड्रिल के तहत काल्पनिक घटना का निर्माण किया गया, जिसमें कोटा-रूठियाई खंड के समपार फाटक संख्या 34 (टी), किमी 60/21-23 पर एक ट्रक और पीसीएमसी डाउन मालगाड़ी की टक्कर से इंजन और साथ वाले वैगन के पहिए पटरी से उतर गए। साथ ही, घटना में 4-5 मजदूरों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना दी गई।
घटना की सूचना गेटमैन ने स्टेशन मास्टर, सुंदलक को दी। इसके बाद स्टेशन मास्टर ने खंड नियंत्रक को घटना की जानकारी दी, जिसने मंडल नियंत्रण कक्ष को पूरी जानकारी पहुंचाई।
तेज प्रतिक्रिया और राहत कार्य
सूचना मिलने पर कोटा स्टेशन से चिकित्सा राहत गाड़ी तुरंत रवाना की गई।
राहत गाड़ी में अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) श्री आर.आर.के. सिंह और अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।जिला प्रशासन, बांरा के कलेक्टर, एसपी, एडीशनल एसपी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पुलिस प्रशासन, ग्राम पंचायत सुंदलक, और रेलवे के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे।
घटनास्थल पर निरीक्षण
दोपहर 1:09 बजे वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री विनोद कुमार मीना ने मॉक ड्रिल की घोषणा की। इस आयोजन की निगरानी और देखरेख डीआरएम श्री के निर्देशन में की गई।
आपदा प्रबंधन में सुधार की दिशा
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों की आपदा के दौरान सजगता, उपकरणों की कार्यक्षमता, और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की जांच करना था। यह अभ्यास रेलवे सुरक्षा मानकों को और अधिक सशक्त बनाने में मदद करेगा।
रेलवे प्रशासन की अपील
रेलवे प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के जरिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि आपदाओं के दौरान त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
हाइलाइट्स:
सुंदलक-बांरा स्टेशनों के बीच समपार फाटक पर मॉक ड्रिल।
ट्रक और मालगाड़ी की काल्पनिक टक्कर का घटनाक्रम।
रेलवे, जिला प्रशासन और पुलिस का त्वरित समन्वय।
आपदा प्रबंधन प्रणाली और उपकरणों की कार्यक्षमता का परीक्षण।