भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने पुलिस विभाग में अनुशासन और कार्यप्रणाली को सुगम बनाने के लिए नए और सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, अब पुलिस अधिकारी और कर्मचारी व्यक्तिगत मामलों जैसे तबादला, पदोन्नति या अन्य मुद्दों को लेकर डीजीपी से सीधे संपर्क नहीं कर सकेंगे।
इकाई प्रमुख की अनुमति अनिवार्य
नए आदेश के अनुसार, डीजीपी से मिलने के लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को पहले अपनी इकाई प्रमुख (यूनिट हेड) से अनुमति लेनी होगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि डीजीपी कार्यालय में अनावश्यक उपस्थिति को रोका जा सके और कार्य को व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जा सके।
अनुशासन और सुगमता बढ़ाने का उद्देश्य
डीजीपी मकवाना का कहना है कि इस आदेश का उद्देश्य पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता लाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि डीजीपी कार्यालय में अनावश्यक भीड़भाड़ से कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
अधिकारी-कर्मचारियों के लिए संदेश
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे आदेशों का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। यह निर्णय विभागीय कार्यों को तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा लागू किए गए इन नए निर्देशों को विभागीय सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस फैसले का पुलिस कार्यप्रणाली पर कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।