आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से बुधवार दोपहर को ग्वालियर जा रही ट्रेन के दो डिब्बों से धुएं का गुबार और लपटें उठ रही थी। यात्री डिब्बे से कूद रहे थे। भांडई रेलवे स्टेशन के पास गेटमैन यशपाल सिंह ने लपटें और धुआं देखा, तो उनका दिल कांप गया। सोचने लगे कि न जाने कितनी जिंदगियों को मौत ले जाएगी। परंतु उन्होंने बिजली जैसी तेजी दिखाकर भांडई के रटेशन मास्टर को फोन किया। ट्रेन को रोका गया। ब्रेक लगते तब तक काफी यात्री जान बचाने के लिए कूद चुके थे। ट्रेन रुकने के कुछ पलों में धुएं और लपटों ने दोनों कोचों को अपने आगोश में लेकर राख कर दिया। दुर्घटना में दो दर्जन से ज्यादा यात्री या तो झुलसे हैं या कूदकर चोटिल हुए हैं। आग लगने के समय ट्रेन की गति सिर्फ 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल नहीं सकी।