तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ से मचा कोहराम: 4 लोगों की मौत, कई घायल
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला समेत चार श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मरने वालों की संख्या छह तक हो सकती है।
हादसा उस समय हुआ जब लगभग 4,000 श्रद्धालु कतार में खड़े थे और अचानक उन्हें बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने के लिए निर्देशित किया गया। इस बदलाव के बाद श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई, और आगे जाने की होड़ में लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, जिससे कुछ का दम घुटने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान मल्लिका नाम की महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे की जानकारी मिलते ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दुख व्यक्त किया और उच्च अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने घटनास्थल पर जाकर घायलों को बेहतर इलाज दिलवाने का आदेश दिया और गुरुवार को तिरुपति जाकर घायलों से मुलाकात करने का वादा किया।
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वैकुंठ द्वार दर्शन पर बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़
तिरुपति में यह घटना उस समय हुई जब 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी के दौरान वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए दर्शन खोले जाने थे। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में आने वाली थी, और करीब 7 लाख भक्तों के दर्शन करने की संभावना थी।
तिरुपति मंदिर: भारत का सबसे अमीर और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर स्थित है और इसे दुनिया के सबसे अमीर और प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यहां भगवान वेंकटेश्वर की पूजा होती है, जिनका मंदिर राजा तोंडमन द्वारा स्थापित किया गया था और 11वीं सदी में रामानुजाचार्य ने इसकी प्राण प्रतिष्ठा की थी। श्रद्धालु यहां दान देने के लिए आए दिन भारी संख्या में आते हैं, और मंदिर को हर साल एक टन सोना दान में मिलता है।
प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद और बालों का दान
तिरुपति में आने वाले भक्तों को यहां का प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद मिलता है, जिसे रोजाना 3 लाख लड्डू बनाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। इस लड्डू की खासियत इसकी पुरानी 300 साल पुरानी रेसिपी है। इसके अलावा, यहां श्रद्धालु अपने पापों को छोड़ने के लिए अपने बालों का दान भी करते हैं, जिससे उनका मानना है कि देवी लक्ष्मी उनके दुखों को समाप्त कर देती हैं।
भगवान वेंकटेश्वर का दिव्य दर्शन
तिरुपति बालाजी मंदिर में तीन बार दर्शन होते हैं – सुबह, दोपहर, और रात को, लेकिन भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति का दर्शन सिर्फ शुक्रवार को अभिषेक के समय ही किया जा सकता है। मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि भगवान ने यहां श्रीरामानुजाचार्य को साक्षात दर्शन दिए थे, जिन्होंने पूरी जिंदगी भगवान की सेवा की थी।
यह हादसा न केवल तिरुपति के भक्तों के लिए एक दुखद घटना है, बल्कि यह हमें इस प्रसिद्ध और पवित्र स्थल की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता की भी याद दिलाता है।