बिना कारण बने स्पीड ब्रेकर से जलजमाव, रोजाना निकल रहे हैं जहरीले सांप, पंचायत बनी मौन

मगराना (मल्हारगढ़), (बंशीदास बैरागी मगराना)
मगराना पंचायत के ग्रामीण इन दिनों जलभराव और जहरीले सांपों के आतंक से परेशान हैं। गांव के मुख्य मार्ग हिंगोरिया-बड़ा रोड पर बिना किसी ठोस कारण के बनाए गए स्पीड ब्रेकरों और जाम पड़ी टूटी नालियों ने लोगों की जान सांसत में डाल दी है। रहवासी बबलू धनगर ने बताया कि नालियों की सफाई नहीं होने के कारण उनमें जहरीले सांपों का बसेरा हो गया है, और पिछले दो दिनों में ही 4 से 5 खतरनाक सांप निकल चुके हैं जो घरों में घुसकर ग्रामीणों के लिए जान का खतरा बन चुके हैं।

बिना जरूरत बनाए स्पीड ब्रेकर बना मुसीबत
हिंगोरिया-बड़ा मार्ग पर पंचायत द्वारा बनाए गए स्पीड ब्रेकर जलजमाव का कारण बन गए हैं। बारिश का पानी इन ब्रेकरों के कारण बह नहीं पा रहा है और वाहन चालक अक्सर वहां फिसलकर गिर जाते हैं। आसपास की नालियां भी टूटी हुई हैं और उनका पानी सड़क पर जमा हो रहा है।
रोजाना दर्जनों सांप निकलना बना आम बात

ग्रामीणों का कहना है कि टूटी और जाम नालियों में जहरीले सांपों का बसेरा बन गया है। ये सांप दिन-रात निकल रहे हैं और कई बार लोगों के घरों में घुस जा रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल है। यदि किसी को सांप ने डस लिया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा – यह सवाल अब पंचायत और प्रशासन से पूछा जा रहा है।+

पंचायत पर लापरवाही का आरोप
बबलू धनगर ने बताया कि इस संबंध में कई बार ग्राम पंचायत सरपंच पवन पाटीदार और सचिव गेडमल को अवगत कराया गया है। लेकिन हर बार बजट नहीं होने का हवाला देकर टाल दिया जाता है।
सरपंच पवन पाटीदार का पक्ष
इस विषय में जब ग्राम पंचायत मगराना के सरपंच पवन पाटीदार से बात की गई, तो उन्होंने बताया:
“शिकायतकर्ता द्वारा नालियों पर सीढ़ियां और पट्टी डालकर अतिक्रमण किया गया है, ऐसे में नालियों की सफाई कैसे हो? रही बात स्पीड ब्रेकर की, तो उसे दोनों तरफ से तोड़कर छोटा कर दिया गया है, जिससे पानी की निकासी हो रही है। शिकायतकर्ता चाहता है कि जो नाला बना है उसे डायवर्ट किया जाए ताकि उसकी दीवारें और सीढ़ियां बारिश में नाले के पानी से खराब न हों।”
स्वच्छता पर सरकार के दावे हवा-हवाई
जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वच्छ भारत और स्वच्छ मध्यप्रदेश का नारा दे रहे हैं, वहीं जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। मगराना गांव की नालियां जाम हैं, कुछ स्थानों पर रहवासियों द्वारा नालियों को ही बंद कर दिया गया है, जिससे बारिश का पानी गलियों और सड़कों पर बह रहा है।
प्रशासन कब जागेगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सांप के काटने से कोई बड़ा हादसा होता है, तो जिम्मेदारी किसकी होगी? पंचायत, प्रशासन या खुद ग्रामीणों की? अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन और जनपद पंचायत इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे या ग्रामीण ऐसे ही सर्पदंश के डर में जीते रहेंगे?
