मुंबई:24 दिसम्बर भारतीय सिनेमा के इतिहास में समानांतर सिनेमा को नई पहचान दिलाने वाले दिग्गज फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह 14 दिसंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाने के कुछ ही दिनों बाद मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में भर्ती हुए थे। रविवार, 23 दिसंबर, शाम 6:38 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।उनकी बेटी पिया बेनेगल ने जानकारी दी कि वह लंबे समय से क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे थे, और यह उनकी मृत्यु का कारण बना।श्याम बेनेगल को उनकी यथार्थवादी और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए जाना जाता है। 1970 और 1980 के दशक में भारतीय समानांतर सिनेमा का प्रतीक बने।उन्होंने भारतीय फिल्म जगत में ऐसी कहानी कहने की परंपरा शुरू की, जो मुख्यधारा के व्यावसायिक सिनेमा से अलग थी। आम जनता की सच्चाई को पर्दे पर लाने का साहस रखती थी।उनकी यादगार फिल्में “अंकुर”, “निशांत”, “मंथन”, और “भूमिका” हैं। ये फिल्में भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को दिखाती हैं। उनके काम ने कई नए कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को प्रेरित किया।
अपने 90वें जन्मदिन पर, श्याम बेनेगल ने कहा था,
“यह एक खास दिन हो सकता है, लेकिन मैं इसे खास तरीके से नहीं मनाता। मैं अपनी टीम के साथ ऑफिस में केक काटता हूं।”
श्याम बेनेगल ने अपनी आखिरी सांस तक फिल्म निर्माण में समर्पित रहे। उनकी बेटी पिया ने बताया कि वह अभी भी 2-3 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे।
श्याम बेनेगल के परिवार में उनकी पत्नी नीरा और बेटी पिया हैं। उनके निधन से भारतीय सिनेमा को एक महान फिल्म निर्माता खो गया।
श्याम बेनेगल की विरासत
उनका जीवन और काम भारतीय सिनेमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने नई दिशा दिखाई और समाज में बदलाव का प्रयास किया। उनकी फिल्में आने वाले कई दशकों तक याद रहेंगी।
“सिनेमा में सच्चाई लाने में उनका योगदान बहुत बड़ा था। उनकी मृत्यु भारतीय फिल्म जगत के लिए बहुत बड़ा नुकसान है,” एक सहयोगी ने कहा।
दिग्गज फिल्म निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए सिनेमा जगत के लोग सोशल मीडिया पर भावुक संदेश साझा कर रहे हैं।