“बंदूकें, जहरीली शराब और चोरी की बाइक… पुलिस की दबिश में कंजर गैंग का भांडाफोड़” (KAILASH VISHWAKARMA)
गरोठ-सीतामऊ मार्ग पर बसे एक शांत से गांव की रात उस वक्त थम गई जब पुलिस ने अचानक पहाड़ी इलाके में दबिश दी। झाड़ियों के पीछे छिपे तीन साए — तीनों के हाथों में हथियार, बाइक पास खड़ी और पास में रखी जहरीली शराब। ये कोई फिल्मी सीन नहीं, हकीकत है — मंदसौर जिले का ताजा सनसनीखेज घटनाक्रम।

कंजर जनजाति: उपेक्षा, आस्था और अस्तित्व के संघर्ष की मानवीय कहानी
🔫 12 बोर की बंदूक लेकर घूमते थे गांव-गांव
थाना शामगढ़, सीतामऊ और गरोठ में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही चोरियों ने पुलिस को सतर्क कर दिया था। एसपी अभिषेक आनंद के निर्देश पर जब पुलिस का जाल बिछाया गया, तब जाकर असली चेहरों का पर्दाफाश हुआ।
तीनों आरोपी – दिलीप, बंटी उर्फ राम और राहुल – मुण्डला कंजर डेरा के रहने वाले हैं और बंदूक के दम पर गांवों में दहशत फैलाकर वारदातों को अंजाम देते थे।
🚓 पुलिस ने किया जबर्दस्त प्लान, फिल्मी अंदाज़ में पकड़े गए आरोपी
मुखबिरों से मिली गुप्त सूचना पर एसडीओपी दिनेश प्रजापति, थाना प्रभारी कमलेश प्रजापति, मोहन मालवीय और अन्य पुलिस बल के साथ मुण्डला कंजर डेरा में रातों-रात घेराबंदी की गई।
गैलाना माता मंदिर की पहाड़ी से तीनों बदमाश जैसे ही नीचे उतरे — चारों ओर से पुलिस ने उन्हें घेर लिया। भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से काबू में आ गए।


🔍 क्या-क्या मिला?
पकड़े गए आरोपियों के पास से जो बरामद हुआ, वो किसी गैंगस्टर फिल्म की कहानी से कम नहीं:
- 12 बोर की बंदूक
- 01 जिंदा कारतूस
- 20 लीटर जहरीली कच्ची शराब
- एक चोरी की मोटर साइकिल, जो ग्राम आसपुरा से चोरी होना पाई गई
🧠 पूछताछ में उगले राज: आधा दर्जन से ज्यादा चोरी की वारदातें कबूल
पुलिस पूछताछ में तीनों ने जो बताया, वो चौंकाने वाला था। उन्होंने कबूल किया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे और इनके साथी – सुरज कंजर और मीणा कंजर – के साथ मिलकर ग्राम लारनी, लदुना, बघुनिया, खेताखेड़ा, आंसपुरा, रहीमगढ़, पीपलखेड़ा और परासली खुर्द में चोरी की वारदातें की हैं।
गांव-गांव घूमकर रेकी करते, रात में छिपकर घुसते और हथियार के दम पर किसी को नजदीक नहीं आने देते। कई जगह तो ग्रामीण इतनी दहशत में थे कि रिपोर्ट तक नहीं कर पाए।
⚖️ अब न्याय के कटघरे में — और खुल सकते हैं राज
पुलिस ने इन आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश कर आगे की रिमांड मांगी है, जिससे और खुलासे होने की उम्मीद है। चोरी गई और भी संपत्ति की तलाश व बरामदगी की कार्रवाई जारी है।
👏 कौन-कौन रहे इस मिशन में शामिल?
इस सफल ऑपरेशन में इन अधिकारियों और जवानों ने सराहनीय भूमिका निभाई:
- एसडीओपी दिनेश प्रजापति
- थाना प्रभारी कमलेश कुमार प्रजापति (सुवासरा)
- थाना प्रभारी मोहन मालवीय (सीतामऊ)
- चौकी प्रभारी भारत कटारा, विकास गेहलोत, मनोज महाजन
- सउनि गेन्दाल पलासिया, लक्ष्मण डोडियार
- और शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा थानों का पुलिस बल
इस गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद शातिराना थी। ये लोग दिन में गांवों में मजदूरी या घूम-घूमकर कबाड़ का काम करते दिखाई देते थे, ताकि कोई शक न करे। लेकिन रात होते ही ये अपने असली रूप में आ जाते और हथियारों से लैस होकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते। गांवों में दहशत का ऐसा माहौल बना दिया था कि लोग रात में खेत या घर के बाहर निकलने से डरते थे। खासकर महिलाएं और बुजुर्ग इनसे खौफज़दा थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह का नेटवर्क आसपास के जिलों तक फैला हो सकता है, और अन्य जिलों में भी इस तरह की वारदातें इनके द्वारा की गई हों — इसकी जांच की जा रही है।
गांवों में चर्चा है कि यह गिरोह पहले भी कई बार पकड़ा गया लेकिन हर बार जमानत पर छूटने के बाद फिर से सक्रिय हो जाता था। इस बार पुलिस द्वारा की गई योजनाबद्ध और संयोजित कार्रवाई से न सिर्फ इन बदमाशों को पकड़ा गया, बल्कि स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा भी बढ़ा है। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।
