कोटा।
भारतीय रेलवे के संचालन और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने प्रभावी कदम उठाए हैं। इन घटनाओं ने न केवल रेल यातायात को प्रभावित किया है बल्कि यात्रियों की जान को भी खतरे में डाला है।
पश्चिम मध्य रेलवे के आरपीएफ ने इस दिशा में सख्त कार्रवाई करते हुए 2024 में 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन पर रेलवे न्यायालय के तहत कानूनी कार्यवाही की गई।
आरपीएफ द्वारा उठाए गए कदम:
विशेष गश्त और निगरानी: संवेदनशील इलाकों में नियमित गश्त बढ़ाई गई है।
सीसीटीवी कैमरों की तैनाती: निगरानी को मजबूत करने के लिए स्टेशनों और ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सुरक्षा बलों में समन्वय: विभिन्न सुरक्षा टीमों के बीच समन्वय बढ़ाया गया है।
अतिरिक्त चौकसी: पत्थरबाजी संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए।
यात्री जागरूकता अभियान: यात्रियों को इन घटनाओं के खतरों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया।
कानूनी कार्रवाई: रेल अधिनियम की धारा 152 और 153 के तहत अपराधियों को आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
यात्रियों से अपील
आरपीएफ ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा के दौरान सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत रेलवे सुरक्षा बल या स्थानीय पुलिस को दें। आरपीएफ ने यात्रियों को यह भरोसा दिलाया है कि रेलवे उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
यह कदम न केवल रेलवे सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि पत्थरबाजी जैसी असामाजिक गतिविधियों पर भी लगाम लगाएगा।